BILASPUR.छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में विधानसभा चुनाव 2023 में पराजित प्रत्याशियों ने याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग आरोप लगाते हुए पुनःमतगणना की मांग को जिला निर्वाचन अधिकारी के खारिज दिया था। परिणाम आने के बाद विजेता प्रत्याशी को प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। जिसमें पाटन, पत्थलगांव, पाली-तानाखार व सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के ईवीएम का टेडा को हाईकोर्ट का फैसला आने तक सुरक्षित रखने का आदेश दिया।
बता दें,छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 दो चरणों में हुए। जिसमें परिणाम भी आ गए है। वहीं कुछ हारे हुए प्रत्याशियों ने अलग-अलग याचिका दायर की। चुनाव याचिका दायर होने की स्थिति में सबसे बड़ी भूमिका जिला निर्वाचन कार्यालय की हो जाती है। जिला निर्वाचन कार्यालय को संबंधित विधानसभा सीट की ईवीएम का डेटा को सुरक्षित रखना पड़ता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चार विधानसभासीटों के पराजित प्रत्याशियों ने चुनाव याचिका दायर की है। दुर्ग जिले के पराजित प्रत्याशियों ने चुनाव याचिका दायर की है। दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा, जशपुर जिले के पत्थलगांव, अंबिकापुर जिले के सीतापुर विधानसभा व कोरबा जिले के पाली तानाखार विधानसभा की ईवीएम डेटा को जिला निर्वाचन कार्यालय ने सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट का फैसला तक ईवीएम को सुरक्षित रखने की चुनौती भी इनके सामने रहेगी।
याचिकाकर्ताओं ने लगाए आरोप
पुनर्गणना की मांग को लेकर जिला निवार्चन अधिकारी ने कर दिया खारिज पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक रामपुकार सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की है। जिसमें कहा है कि मात्र 255 वोट के अंतर से वे पराजित हुए है। पुनर्गणना की उनकी मांग को जिला निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने वीवीपैट समेत पोस्टल बैलेट काउंटिंग में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नवनिर्वाचित विधायक गोमती साय समेत छह अन्य उम्मीदवार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट को बताया कि इस चुनाव में पोस्टल बैलेट का हिसाब किताब नियमानुसार नहीं रखा गया और बड़ी संख्या में याचिकाकर्ता को मिले मत निरस्त घोषित हुए है। वहीं वीवीपैट का मिलान भी ईवीएम से नहीं किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
प्रतीक चिन्ह रद्द करने का आरोप
पाली तानाखार विधानसभा की निर्दलीय उम्मीदवार उर्मिला मार्को ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर चुनाव चिन्ह आबंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। याचिका में कहा कि चुनाव चिन्ह के वितरण के दौरान जिला निर्वाचन कार्यालय ने उसे नारियल चुनाव चिन्ह का आबंटन किया था चुनाव चिन्ह मिलने के बाद चुनाव प्रचार प्रारंभ कर दिया था। इसके बाद नारियल चुनाव चिन्ह को वापस ले लिया। इसके चलते उसको काफी नुकसान उठाना पड़ा।
नामांकन को कर दिया निरस्त
सीतापुर विधनसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से नामांकन पत्र जमा करने वाले मुन्ना लाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि स्क्रूटनी के दौरान उसके नामांकन पत्र को जिला निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त कर दिया। निरस्त करने के संबंध में जब कारण पूछा गया तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला था।
पूर्व मुख्यमंत्री पर आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन का आरोप
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद व पाटन विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार विजय बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री व विधायक भूपेश बघेल पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए निर्वाचन को रद्द करने और चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।