BILASPUR.सीजीपीएससी की एक और नई गड़बड़ी हाईकोर्ट के सामने आयी है। जिसमें सीजीपीएससी की ओर से राज्य वन सेवा भर्ती में गड़बड़ी को लेकर याचिका दायर की गई। याचिका में राज्य वन सेवा भर्ती के नियमों की अवहेलना की शिकायत की है। जिसकी सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में हुई। जिसमें कोर्ट ने वन विभाग का तल्ख कर टिप्पणी की है और 30 जनवरी तक जवाब पेश करने नोटिस जारी किया है।
बता दें, सीजीपीएससी के माध्यम से वन सेवा भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर योगेश बघेल एवं अन्य ने अधिवक्ता अमृता दास के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में वन विभाग की शर्तों की जानकारी दी है। साथ ही यह भी कहा है कि विभाग ने एक ही बार शारीरिक भर्ती परीक्षा लेने की शर्त रखी थी।
जो 24 उम्मीदवार अपात्र हो गए है उनकी भर्ती के लिए विभाग द्वारा दोबारा शारीरिक मापदंड परीक्षा आयोजन की तैयारी की जा रही है। इस पर रोक लगाने और दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग याचिकाकर्ताओं ने की है। याचिकाकर्ता ने शारीरिक मापदंड परीक्षा के बाद जारी परिणाम के आधार पर आगे की प्रक्रिया को जारी रखने की भी मांग दोहराई है।
24 अभ्यार्थी हुए फेल
12 सितंबर 2023 को शारीरिक मापदंड परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें अभ्यार्थियों को पैदल चलना था। वन क्षेत्रपाल पद के लिए आवेदन जमा करने वाले पात्र 177 अभ्यार्थियों को शारीरिक परीक्षा के लिए आमंत्रित किया गया था। 158 अभ्यार्थी शामिल हुए। इसमें 134 अभ्यार्थी को शारीरिक मापदंड परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किया गया। 24 अभ्यार्थी फेल हो गए। विज्ञापन जारी करते वक्त वन विभाग ने स्पष्ट किया था कि शारीरिक मापदंड परीक्षा का आयोजन एक ही बार किया जाएगा। जिसमें 24 उम्मीदवार फेल हो गए। उनके लिए वन विभाग ने अपने ही नियमों को दरकिनार कर दिया। नियमों में फेरबदल करते हुए दोबारा शारीरिक परीक्षा का आयोजन करने एवंज लवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर इस संबंध में अनुमति मांगी।
आरटीई में हुआ गड़बड़ी का खुलासा
एक अभ्यार्थी ने सूचना के अधिकार के तहत भर्ती नियमों के संबंध में जानकारी मांगी थी। साथ ही साथ शारीरिक दक्षता परीक्षा में अपात्र उम्मीदवारों के नाम भी सार्वजनिक करने की मांग की थी। जनसूचना अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी में स्पष्ट किया है कि प्रशासकीय विभाग के भर्ती नियमों में शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए दोबार अवसर प्रदान किए जाने का प्रविधान नहीं होने के कारण सामान्य प्रशासन विभाग को कोई अभिमत नहीं है।