RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही पूर्व सरकार की योजनाओं पर अब धीरे-धीरे अब ग्रहण लगना शुरू हो गया है। सत्ता बदलने के साथ यह चर्चा शुरू हो गई थी कि भूपेश सरकार की उन योजनाओं का क्या होगा, जिस पर भाजपा लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाती आई है। प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार ने राजीव युवा मितान क्लबों के सभी खाते सीज कर दिए हैं। क्लबों के माध्यम से तीन साल में 132 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी।
राज्य सरकार ने राजीव युवा मितान क्लबों को दी गई राशि के खर्च पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। संचालक श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि राजीव युवा मितान क्लबों को किसी भी कार्य के लिए दी गई राशि के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को राजीव युवा मितान क्लब योजना के तहत अब तक विभिन्न व्यय की जानकारी और व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021-22 से राजीव युवा मितान क्लब योजना शुरू की गई थी। जिला स्तरीय, अनुभाग स्तरीय समितियों के साथ मितान क्लबों की गतिविधियां अब जांच के दायरे में आ चुकी है।
क्लब की आड़ में लाखों रुपये की बंदरबांट
राज्य सरकार के आदेश से स्पष्ट है कि राजीव युवा मितान क्लबों के नाम पर खर्च की गई राशि की उपयोगिता की जांच की जाएगी। सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम पर बिना आयोजन के फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत कर पैसे निकालने की शिकायतें पहले भी मिलती रही है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी आदेश के बाद अब क्लबों के संचालकों की रिपोर्ट मंगाई जाएगी। ऐसी आशंका है कि क्लबों की आड़ में लाखों रुपये का बंदरबांट किया गया है।
प्रदेश में बने 13,269 राजीव युवा मितान क्लब
राजीव गांधी युवा मितान क्लब योजना के तहत विगत दो वर्षों में गांव-गांव में 13,269 क्लब बनाए गए। 12 जनवरी 2020 को राज्य युवा महोत्सव पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना का ऐलान किया था। योजना का शुभारंभ 18 सितंबर 2021 को किया गया। प्रत्येक क्लब में 20 से 40 युवा थे। प्रदेश में 13,261 राजीव युवा मितान क्लब गठित करने के लक्ष्य पर 13,242 क्लब बनाए गए। प्रत्येक क्लब को प्रति तीन माह में 25 हजार रुपये का अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया। इस तरह हर वर्ष क्लब को एक लाख रुपये मिलते थे।