RAIPUR.छत्तीसगढ़ की आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। सप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया के जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं साथ में उन पर एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जमानत न मिलने सौम्या चौरसिया की मुश्किले बढ़ गई है। वे 2 दिसंबर 2022 से रायपुर के जेल में बंद है।
बता दें, सौम्या चौरसिया भूपेश बघेल की उप सचिव थी। उनकी गिनती सबसे ताकतवर अधिकारियों में होती थी। भूपेश बघेल के सचिवालय में उप सचिव पद पर पदस्थ थी। कोल लेव्ही के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया था। 16 दिसंबर 2022 को उन्हें निलंबित कर दिया गया। इससे पूर्व उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी जो पहले ही खारिज हो चुकी है। जिसके बाद सौम्या ने अपने वकिलों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी याचिका खारिज कर दी गई है।
एक लाख का जुर्माना
सौम्या चौरसिया की ओर से याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता महिला है और इनके दो छोटे बच्चे है। जिनके नाम पर उन्हें जमानत दी जाए। लेकिन कोर्ट ने इस वजह को नकार दिया और गलत जानकारी देने पर 1 लाख रूपये का जुर्माना भी लगा दिया है।
मनी लॉड्रिंग का आरोप
जानकारी के मुताबिक सौम्या चौरसिया को ईडी ने मनी लॉड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया। सौम्या पर वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रूपये प्रति टन की अवैध उगाही करने का आरोप है।