BILASPUR. हाईकोर्ट ने बिलासपुर सिविल लाइन सीएसपी संदीप पाटिल को जमीन मामले में सुनवाई के दौरान जमकर फटकार लगाई है। मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से नाराज जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि पुलिस ही जांच और एफआईआर में गड़बड़ी करती है। मामले में कुछ नेताओं का नाम सामने आने के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में रजिस्टर्ड एफआईआर होनी चाहिए। जस्टिस व्यास ने कहा कि अगर मैंने लिख दिया तो सीएसपी संदीप पाटिल परेशानी में आ जाओगे।
हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सीएसपी ने तुरंत नोटरी के साथ एफआईआर करने की बात कोर्ट में कही। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस ही फैसला करने वाली बन रही है। सीएसपी से कोर्ट ने यह भी कहा कि इतना ही फैसला करने का शौक है तो वर्दी उतारकर वकालत शुरू कर दीजिए। कोर्ट ने सीएसपी से यह भी कहा कि भगवान के लिए वर्दी की थोड़ी कद्र कीजिए। सीएसपी ने तत्काल मामला दर्ज करने की बात कोर्ट में कही।
उल्लेखनीय है कि सरकंडा क्षेत्र के चांटीडीह स्थित नगीना मस्जिद के पास रहने वाले पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रज्जब अली (52) की दुकान से लगी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। मानसिक तनाव में उन्होंने अपने घर के आंगन में पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में कांग्रेस नेता अकबर खान और दीपेश चौकसे के खिलाफ शिकायत हुई थी लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। मृतक रज्जब अली की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उन्होंने परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हुए अपने आपको कांग्रेस कार्यकर्ता बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की मांग की थी।
मामले में मृतक व्यवसायी कांग्रेस नेता के बेटे हमाम अली और बेटी शबाना बेगम ने अपने पिता की मौत के लिए कांग्रेस नेता अकबर खान और तैय्यब हुसैन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान की जमीन में कब्जा करने और उसे तोड़ने की धमकी दी जा रही थी। अकबर खान और तैय्यब हुसैन ने रज्जब की दुकान के बगल की जमीन का सौदा किया है। इसके बाद वे रज्जब की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। इसके कारण वे मानसिक रूप से तनाव में आ गए थे। मृतक के पुत्र हमाम अली के अनुसार उनकी जमीन चांटीडीह में स्थित है जिसमे पिछले 20 साल से पारिवारिक विवाद चल रहा है। इसी जमीन से लगी एक आदिवासी जमीन है, जिसमें अकबर खान और तैयब हुसैन के द्वारा गलत तरीके से सीमांकन कराया गया है। इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई गई है। हाईकोर्ट ने बिलासपुर सिविल लाइन सीएसपी संदीप पाटिल को जमीन मामले में सुनवाई के दौरान जमकर फटकार लगाई है। मामले में एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से नाराज जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि पुलिस ही जांच और एफआईआर में गड़बड़ी करती है। मामले में कुछ नेताओं का नाम सामने आने के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में रजिस्टर्ड एफआईआर होनी चाहिए। जस्टिस व्यास ने कहा कि अगर मैंने लिख दिया तो सीएसपी संदीप पाटिल परेशानी में आ जाओगे।
हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सीएसपी ने तुरंत नोटरी के साथ एफआईआर करने की बात कोर्ट में कही। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस ही फैसला करने वाली बन रही है। सीएसपी से कोर्ट ने यह भी कहा कि इतना ही फैसला करने का शौक है तो वर्दी उतारकर वकालत शुरू कर दीजिए। कोर्ट ने सीएसपी से यह भी कहा कि भगवान के लिए वर्दी की थोड़ी कद्र कीजिए। सीएसपी ने तत्काल मामला दर्ज करने की बात कोर्ट में कही।
उल्लेखनीय है कि सरकंडा क्षेत्र के चांटीडीह स्थित नगीना मस्जिद के पास रहने वाले पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रज्जब अली (52) की दुकान से लगी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। मानसिक तनाव में उन्होंने अपने घर के आंगन में पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मामले में कांग्रेस नेता अकबर खान और दीपेश चौकसे के खिलाफ शिकायत हुई थी लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। मृतक रज्जब अली की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उन्होंने परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हुए अपने आपको कांग्रेस कार्यकर्ता बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की मांग की थी।
मामले में मृतक व्यवसायी कांग्रेस नेता के बेटे हमाम अली और बेटी शबाना बेगम ने अपने पिता की मौत के लिए कांग्रेस नेता अकबर खान और तैय्यब हुसैन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान की जमीन में कब्जा करने और उसे तोड़ने की धमकी दी जा रही थी। अकबर खान और तैय्यब हुसैन ने रज्जब की दुकान के बगल की जमीन का सौदा किया है। इसके बाद वे रज्जब की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। इसके कारण वे मानसिक रूप से तनाव में आ गए थे।
मृतक के पुत्र हमाम अली के अनुसार उनकी जमीन चांटीडीह में स्थित है जिसमे पिछले 20 साल से पारिवारिक विवाद चल रहा है। इसी जमीन से लगी एक आदिवासी जमीन है। इसमें अकबर खान और तैयब हुसैन के द्वारा गलत तरीके से सीमांकन कराया गया है। इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई गई है।