BILASPUR. प्रदेश का एक मात्र सेंट्रल युनिवसिर्टी गुरूघासीदास इस बार खूब चर्चे में है। विश्वविद्यालय व विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए गर्व की बात है कि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद ने इसे ए डबल प्लस ग्रेड दिया है। जिससे शिक्षा क्षेत्र में खूब वाह-वाही हो रही है।
बता दें, भारतीय वानिककी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद ने देश के पांच शीर्ष वानिकी संस्थानों में विश्वविद्यालय को ए डबल प्लस ग्रेंडिग से नवाजा है वानिकी के क्षेत्र में टॉप क्लास पढ़ाई, शोध-अनुसंधान, प्लेसमेंट के आधार पर रैंकिंग मिली है। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, पर्यावरण, जल एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था जो उत्तराखंड देहरादून में स्थित है।
संस्था ने साल 2017 में देशभर के सभी वानिकी संस्थानों को ग्रेडिंग जारी किया था। गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय को उस दौरान ए ग्रेड से संतुष्ट होना पड़ा था। नए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के आने के बाद वानिकी विभाग में कई बड़े बदलाव किए गए। मार्च में संस्था विश्वविद्यालय पहुंची और उसने निरीक्षण किया। जिसके बाद सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए यह उपलब्धी दी गई।
1889 में हुई थी विभाग की स्थापना
वनिकी वन्यजीव एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग की स्थापना 1989 में की गई थी। केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने के पूर्व राज्य विश्वविद्यालय के अधीन था। यहां से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके स्टूडेंट आज देश-विदेश की अग्रणी संस्थाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा, वन सेवा, वन विज्ञानी, प्रोफेसर, रेंजर के रूप में अपनी सेवा दे रहे है।