RAIPUR. छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मतदान को अब कुछ दिन ही बाकी हैं। ऐसे में सभी प्रत्याशी अपनी ताकत झोंके हैं। रायपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर यदि नजर डालें तो पूरा चुनाव फंसा हुआ दिखता है। सात में से मात्र तीन सीटें ऐसी हैं, जहां मुकाबला एकतरफा दिख रहा है। एक सीट ऐसी है, जहां अच्छी खासी टक्कर है। जबकि तीन सीटें ऐसी हैं, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी से प्रमुख दल के प्रत्याशी के सामने संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में नतीजा कुछ भी हो सकता है।
राजधानी रायपुर में विधानसभा की सात सीटें हैं। इस बार विधानसभा चुनाव काफी जटिल नजर आ रहा है। अनुमान लगाना मुश्किल है कि किसकी जीत पक्की है। मौजूदा हाल के अुनसार जिले की एकमात्र सीट ऐसी है, जहां दो प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। यहां कभी एक का पलड़ा भारी दिखता है तो कभी दूसरे का। दोनों ही प्रत्याशी पूरी जान भी लगाए हैं और किसी तरह की कमी-पेशी छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए इस सीट पर किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा।
रायपुर जिले की तीन सीट ऐसी हैं जहां मामला पूरी तरह एकतरफा दिख रहा है। यहां तमाम दावेदारों के बीच एक प्रत्याशी की तरफ जनता का झुकाव दिख रहा है। इन सीटों पर ऐसा लग रहा है कि बाकी दावेदार बेकार ही मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावा जिले की तीन सीटें ऐसी हैं, जहां बागियों ने पूरे समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इन तीन सीटों में एक ऐसी है, जहां एक प्रत्याशी दिग्गजों के लिए मुसीबत बन गया है। दो विधानसभा ऐसी हैं, जहां एक प्रमुख दल के प्रत्याशी को अपनी ही पार्टी के नेताओं और समर्थकों का साथ नहीं मिल रहा है। ऐसे में नतीजे इस बात पर निर्भर हैं कि मतदान के पहले तक प्रत्याशी समर्थकों को कितना साध पाते हैं।