RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का आज सियासी पारा गर्म रहा। दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 के दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम तारीख थी। इस दौरान सीएम भूपेश समेत कई बड़े नेताओं ने पर्चा भरा। इसके साथ ही रायपुर जिले के 7 विधानसभा सीटों से बीजेपी उम्मीदवारों ने भी एक साथ पत्र दाखिल किया। इन प्रत्याशियों ने नामांकन रैली के बहाने शक्ति-प्रदर्शन किया।
रायपुर जिले के 7 विधानसभा सीटों के बीजेपी प्रत्याशी में रायपुर पश्चिम से राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर उत्तर से पुरंदर मिश्रा, रायपुर ग्रामीण से मोतीलाल साहू, धरसीवा से अनुज शर्मा, आरंग से खूसवंत साहेब, अभनपुर से इंद्र कुमार साहू हैं। रायपुर पश्चिम से बीजेपी प्रत्याशी राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस ने पांच साल तक जनता को ठगा है। छत्तीसगढ़ घोटालों का गढ़ बन चुका है। जनता के बीच सच्चाई उजागर हो गई है। इस बार परिवर्तन के लिए तैयार है। हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहे है।बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम पांच साल तक लोगों के बीच जाकर कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उजागर किए है। जनता चुप है और चुप रहने का अर्थ परिवर्तन है।
70 सीटों पर 1500 के करीब नामांकन
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन सोमवार को खत्म हो गया। दूसरे चरण के लिए 70 सीटों पर 903 उम्मीदवारों ने 1459 पर्चे दाखिल किए हैं। इसमें से दर्जन भर हाई प्रोफाइल सीटें भी शामिल हैं। कई सीटों पर उम्मीदवारों ने दो से तीन सेट में नामांकन दाखिल किया है। अंतिम दिन पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नामांकन दाखिल किया। दूसरी तरफ, कांग्रेस से रायपुर ग्रामीण के प्रत्याशी पंकज शर्मा और रायपुर पश्चिम के प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने भी नामांकन दाखिल किया। विकास पत्नी के साथ स्कूटर पर नामांकन करने पहुंचे।
कांग्रेस सरकार घोषणावीर सरकार- राजेश मूणत
नामांकन दाखिल कर निकले राजेश मूणत से पत्रकारों ने सवाल करते हुए पूछा कि आज कांग्रेस द्वारा एक और घोषणा की गई है, भाजपा का घोषणा पत्र कब आएगा, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री 5 वर्षो से घोषणा ही तो कर रहे हैं। वह भी किश्तों में।कांग्रेस ने 36 प्रकार के तमाम वादे जनता से किए। मगर एक भी वादा धरातल पर पूर्ण नहीं हुआ। इसका प्रमाण तो स्वयं कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री ने दिया है। उन्होंने माना है कि हम जनता से किए वादों को पूरा करने में सफल नहीं हुए हैं।
यदि इतने ही वादे पूरे करने वाली सरकार है तो पहले शराबबंदी का वादा पूरा करे, अनियमित कर्मचारियों का नियमतीकरण करके वादा पूरा करे, प्रदेश के हर घर का बिजली बिल हाफ करने का वादा पूरा करे, सभी पंजीकृत बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा करे, पुलिस परिवार से किए गए तमाम वादे पूरा करके दिखाए।
ऐसे न जाने कितने ही वादे घोषणावीर कांग्रेसी नेताओं द्वारा गंगाजल हाथ में लेकर किए गए।लेकिन हर वादे में छत्तीसगढ़ की जनता ठगा सा महसूस कर रही है और निश्चित ही अब प्रदेश में परिवर्तन होने जा रहा है। जनता के सामने इनके वादों का मुखौटा उतर चुका है और कांग्रेस की असलियत जनता के सामने आ चुकी है।