BHILAI. ग़दर 2 फ़िल्म के एक डायलॉग पर अपना रिएक्शन देना युवक को इतना महंगा पड़ा कि उसने अपनी जान तक गवां दी। जिसके बाद मुआवजे की मांग को लेकर परिजन धरने पर बैठे हैं। शाम होते ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमपप्रकाश पांडेय भी पहुंच गए और उन्होंने पुलिस पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
अब इस पूरे मामले में एक नया मोड़ सामने आ गया है, छत्तीसगढ़ सिख पंचायत के साथ सिख समाज के लोगों ने ज्ञापन देकर थाने के सामने 24 घंटे धरने में बैठे रहने की बात कही है, उन्होंने कहा कि अगर परिजनों को 50 लाख का मुआवजा नहीं दिया गया तो वे प्रदेश बंद करेंगे।
बता दें कि खुर्सीपार स्थित आईटीआई मैदान में कल शाम 2 युवक मोबाइल पर गदर-2 मूवी देख रहे थे और इसी बीच किसी सीन पर मलकीत सिंह ने अपना रिएक्शन दिया तो बगल में खड़े विशेष समुदाय के लड़कों ने उसकी लात घूसों से पिटाई कर अधमरा कर दिया। जब घटना की खबर परिजनों को लगी तो वह उसे स्थानीय अस्पताल ले गए पर वहां हालात बिगड़ते देख उसे रायपुर रेफर किया गया और सुबह करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।
युवक की मौत के बाद सिख समाज सहित सैकड़ो लोगऔर भाजपाई खुर्सीपार थाने का घेराव करने पहुंच गए और सुबह से शाम तक डटे रहे और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग करने लगे।
इस मामले की गंभीरता को देख पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी सहित आधा दर्जन थाना प्रभारी और पुलिस बल को बुला लिया। इसी बीच सारे लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर नेशनल हाइवे में चक्का जाम कर दिया। किसी तरह पुलिस ने उन्हें समझाया तब कही जाकर 20 मिनट बाद नेशनल हाइवे खुल पाया।
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी संजय ध्रुव ने पुलिस की तीन टीम लगाकर आरोपियों की धरपकड़ शुरू की और दोपहर करीब 1 बजे तक पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके थे, लेकिन मुआवजे और नौकरी की मांग पर अड़े लोग हाइवे से उठकर फिर थाने के सामने बैठ गए।
परिजनों का साथ देने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय भी शाम को यहां पहुंचे। वहीं भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य मनीष पांडेय, जिला भाजपा अध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया, पार्षद पीयुष मिश्रा सहित कई भाजपा नेता और सिख समाज के लोग सुबह से डटे रहे।
वहीं परिजनों का कहना है कि मृतक के साथ में मौजूद उसके दोस्त की भी उन लड़कों ने पिटाई कर दी और चाकू की नोक पर उसे घुटने पर बैठा दिया। युवक को अधमरा कर वे सभी आरोपी वहां से भाग निकले। पीड़ित के पिता का कहना है कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। फिलहाल थाने के सामने लोग डटे हुए हैं।