NEW DELHI. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग यानी डब्ल्यूएफआई ने भारतीय कुश्ती संघ और भारतीय पहलवानों को बड़ा झटका दिया है। भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। ऐसे में भारतीय पहलवान 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलिंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में ‘तटस्थ एथलीटों’ के रूप में खेलेंगे। उन्हें इस प्रतियोगिता में भारतीय झंडे के नीचे लड़ने की अनुमति नहीं होगी।
डब्ल्यूएफआई ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि 45 दिन में भारतीय कुश्ती संघ ने चुनाव नहीं कराया था। बताते चलें कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने 30 मई को भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखकर कहा था कि अगले 45 दिन यानी 15 जुलाई तक भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव नहीं होगा, तो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग भारतीय कुश्ती महासंघ की सदस्यता को सस्पेंड कर देगी।
मगर, राजनीतिक विवादों के चलते यह टलता गया। इसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव 12 अगस्त को होने थे। मगर, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने वोटिंग से ठीक एक दिन पहले चुनाव पर रोक लगा दी थी। दरअसल, फेडरेशन के 12 अगस्त को होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए एक महिला सहित 4 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था।
इस दौरान संजय सिंह के नामांकन को लेकर बवाल मचा था, जो कि बृजभूषण सिंह के करीबी बताया जाते हैं। चुनाव में उनके उतरने पर प्रदर्शन करने वाले पहलवान अपनी नाराजगी जता चुके थे। बताते चलें कि पिछले कुछ महीनों से कुश्ती का खेल स्टेडियम के बजाय राजनीति के आखाड़े और सड़क पर हो रहा है।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित कई पहलवानों ने तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके चलते पहलवान काफी समय तक धरना प्रदर्शन करते रहे। बाद में खेल मंत्रालय ने फेडरेशन के पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद से एडहॉक कमेटी फेडरेशन का काम संभाल रही है।