MUMBAI. महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है। यहां एनसीपी नेता अजित पवार एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। उन्हें शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनाया जा रहा है। इससे पहले वह महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और अब डिप्टी सीएम की।
उनके साथ पार्टी के 18 विधायक भी शामिल हैं, जिनमें से नौ को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। इसी बीच उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने इस घटनाक्रम पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की राजनीति को साफ करने का बीड़ा उठाया है।
उन्हें अपने तरीके से चलने दो मेरी अभी शरद पवार जी से बात हुई। उन्होंने कहा है कि मैं मजबूत हूं। हमें लोगों का समर्थन प्राप्त है। हम उद्धव ठाकरे के साथ फिर से सब कुछ पुनर्निर्माण करेंगे। जी हां, लोग इस गेम को ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। संजय राउत ने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग आज मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं, बीजेपी उन्हें जेल भेजने वाली थी।
अजित पवार ने बताई वजह
शपथ लेने के बाद अजित पवार ने अपने कदम की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के पहलुओं पर विचार करने के बाद सोचा कि विकास का समर्थन करना चाहिए। अधिकांश विधायकों की संतुष्टि के साथ और महाराष्ट्र की प्रगति के लिए ऐसा फैसला लिया है। उन्होंने दलील दी कि नागालैंड के 7 एनसीपी विधायक जब पार्टी के फैसले पर बीजेपी के साथ जा सकते हैं तो यहां क्यों नहीं।
सच साबित हुईं अटकलें
लंबे समय से ऐसी अटकलें चल रही थीं कि अजित पवार पार्टी में अपने कद को लेकर असंतुष्ट हैं। उनका झुकाव शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार को समर्थन देने की तरफ है। 2 मई की घटना के बाद से अजित पवार काफी असहज समझे जा रहे थे।
बेटी सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया
10 जून को शरद पवार ने संगठन के नए पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की थी। इस दौरान पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की। शरद पवार ने सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर एक तरह से परोक्ष रूप से उन्हें अपना उत्तराधिकारी बना दिया। इस लिस्ट में अजित पवार का नाम नहीं होने की वजह से यह कयास लगाए जा रहे थे कि अजित पवार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकते हैं। सुप्रिया सुले को इसी के साथ महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, महिला, युवा और लोकसभा समन्वय की जिम्मेदारी दी गई। वहीं, प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।