JHARKHAND. जहां इन दिनों प्रयागराज की एसडीएम ज्योति मौर्या चर्चा का विषय बनी हुई हैं वही दूसरी ओर ऐसा ही मामला झारखंड के साहिबगंज से सामने आया है। जहां पति द्वारा पढ़ाने-लिखाने के बाद एक नर्स ने अपने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया है।
14 साल हुए शादी को
जानकारी के मुताबिक पीड़ित कन्हाई लाल बांंझी बाजार का रहने वाला है। 2009 में उसकी शादी साहिबगंज के गांव तेलो बथान की रहने वाली कल्पना कुमारी से हुई थी। दोनों का एक दस साल का बेटा भी है।
पत्नी की आगे पढ़ने की जिद को पूरा करने पति ने की मजदूरी
पीड़ित कन्हाई का कहना है कि, शादी के बाद कल्पना ने आगे पढ़ने की इक्छा जाहिर की लेकिन कन्हाई के पास उसे पढ़ने के पैसे नहीं थे। पत्नी के पढ़ने की जिद को पूरा करने के लिए पति ने दिन-रात मेहनत करके पैसे जोड़ना शुरू किये। उसने मजदूरी के पैसे से अपना घर चलाने के साथ पत्नी को भी पढ़ाया-लिखाया। इसके बाद टाटा जमशेपुर में एक नर्सिंग कॉलेज में वैकेंसी निकली, तो कल्पना ने यहां से एएनएम की पढ़ाई करने की बात कही। पढ़ाई के बाद ट्रेनिंग पूरी होते ही कल्पना ने झुमावती नर्सिंग होम में नर्स के तौर पर जॉब शुरू कर दी।
अचानक हुई लापता
इसके कुछ समय बाद कल्पना 14 अप्रैल को कल्पना मायके जाने के नाम से बेटे को लेकर निकली और वापस नहीं आई। पत्नी के शाम तक घर न आने पर पति कन्हाई ने उसे फोन किया जो बंद बताने लगा। पति ने अपने साले धर्मेंद्र पंडित को कॉल किया तब पता चला कि कल्पना दोपहर करीब ढाई बजे ही ससुराल के लिए निकल चुकी है। खोजबीन के बाद भी कल्पना नहीं मिली तब पति ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
माता-पिता ने लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप
वही कल्पना के माता-पिता जयंती देवी और राजकिशोर पंडित का आरोप है कि कन्हाई उनकी बेटी के साथ मारपीट कर दहेज के लिए परेशान करता था। अपनी पूरी कमाई को इधर-उधर खर्च कर देता था। अब वह कल्पना व उसके बेटे के नाम की संपत्ति को भी हड़पना चाहता है। इस वजह से परेशान होकर ही कल्पना ने यह कदम उठाया है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।