RAIPUR. छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीण पशुपालक किसानों सहित गौठान समितियों और महिला समूहों के बैंक खातों में 16 करोड़ 29 लाख रूपए की राशि ट्रांसफर की है। गोधन न्याय योजना के तहत यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हरेली त्यौहार के दिन शाम को आयोजित हुआ।
वितरित की गई राशि में जुलाई माह की प्रथम पखवाड़े में गौठानों में गोबर विक्रय करने वाले 59,729 किसानों को 03 करोड़ 96 लाख, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 12 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की गई। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में जुलाई माह के प्रथम पखवाड़े में एक लाख 98 हजार क्विंटल गोबर की खरीदारी हुई है। यानी गोधन न्याय योजना अंतर्गत 17 जुलाई को वितरित किये गए 16.29 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद हितग्राहियों को अब तक 526.37 करोड़ रुपये वितरित हो चुके है।
सीएम बघेल ने बताया कि दो वर्ष पहले हरेली के दिन ही दिन 20 जुलाई 2020 को इस योजना की शुरुआत हुई थी। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन चूका है जहां 2 रूपए किलों में गोबर से जैविक खाद , बिजली, व प्राकृतिक पेंट का बनाया गया। इन मारयों के जरिये छत्तीसगढ़ ने देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया। गोबर से जैविक खाद बनाने के अलावा गोमूत्र से जैविक वृद्धिवर्धक और जैविक कीटनाशक भी बनाया जा रहा है।
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इस योजना में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना की गई है। गोधन न्याय योजना से 03 लाख 58 हजार से ज्यादा किसानों को लाभ हो रहा है। वही 17 हजार 834 स्व-सहायता समूहों के 02 लाख 09 हजार 750 सदस्यों कों इस योजना से आजीविका मिल रही है।
इस योजना से हमारी माताएं एवं बहनें आत्मनिर्भर व आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रही है जिससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में 10 हजार 327 गौठान स्वीकृत किए गए है, जिनमें से 10 हजार 263 गौठानों को निर्माण पूरा हो चुका है। याने 99.38 प्रतिशत गौठानों का निर्माण हमने कर लिया है। हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि यह हैै कि हमारे गौठान तेजी से स्वावलंबी भी हो रहे है।
गोबर खरीदी से अब तक 5 हजार 960 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 66 करोड़ 96 लाख रूपए के गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जिससे कुल 125.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है और 251 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर बेचने वालो को किया जा चुका है। वही गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 257 करोड़ 29 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ.अय्याज एफ. तम्बोली, संचालक पशुधन चंदन संजय त्रिपाठी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।