BHILAI. BSP हॉउस लीज विवाद काफी दिनों से चल रहा है. जहां एक ओर कांग्रेस पंजीयन कराकर लीजधारकों को मालिकाना हक दिलवाने की बात कर रही है. तो वहीं भाजपाई लगातार इसे झूठ बताते हुए आरोप लगते रहे हैं कि यदि आवास पर मालिकाना हक है तो उस रजिस्ट्री के दस्तावेज के आधार पर बैंक से लीज धारकों को लोन कांग्रेस सरकार लोन दिलवाए.
मिली जानकारी के अनुसार, अब BSP हॉउस लीज धारक जो भी पंजीयन कराएंगे उन्हें उक्त संपत्ति पर लीज धारक का टाइटल प्राप्त हो रहा है. इस वजह से अब उस टाइटल के आधार पर लीज धारक किसी भी वित्तीय संसथान से लोन ले सकेंगे.
सवाल उठाने वालों को मिला जवाब
विधायक देवेंद्र यादव ने लीज डीड का पंजीयन करवाने के लिया काफी प्रयास किया था. जिसके बाद हॉउस लीज डीड की पंजीयन शुरू हो गई थी, उस वक़्त विपक्षियों ने काफी बार चुनौती देते हुए कहा था कि यदि लीज धारकों को सरकार ने मालिकाना हक दिलवाया है तो उस रजिस्ट्री के कागजात के आधार पर उन्हें बैंक से लोन दिलवाए. विधायक यादव ने कहा कि जो भी लोग इसे सरकार का झूठ बताकर सवाल उठा रहे थे उन सभी को अब जवाब मिलेगा.
फैसले से पहले कलेक्टर और विधायक की हुई लंबी बैठक
बताया जा रहा है कि लीजधारकों को लोन मिलेगी. ये फैसला आने से पहले भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव और दुर्ग कलेक्टर पुष्पेन्द्र मीणा के बीच लंबी बैठक चली थी. इस बैठक में विधायक यादव ने लीजधारकों को लोन का लाभ देने के बात की पहल की और कहा कि उनका ये हक है.
यदि हम उन्हें मालिकाना हक दे रहे हैं, तो उन्हें उसके आधार अपर लोन लेने का हक भी मिलना चाहिए. इसी बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि जो भी BSP हॉउस लीजधारक रजिस्ट्री करवा लेता है उसे लीजधारक का टाइटल मिल जाएगा जिसके आधार पर वो लोन ले सकेगा.