BIJAPUR. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बारिश का कहर जारी है। दरअसल, चार दिन पहले बीजापुर जिले में भारी बारिश से चौतरफा बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। इसके कारण जिले के उसूर ब्लाक के धर्माराम गांव के दो दर्जन घर समेत 40 ज्यादा मकान डूब गए हैं। घरों के डूबने से ग्रामीणों को दूसरे जगह भेजा गया है।जानकारी के अनुसार उसूर ब्लाक के अंतिम छोर पर बसे पामेड़ से लगे धर्मारम गांव के सरपंच पारा में 25 घर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। वहीं अब इन घरों के ग्रामीण बचे खुचे सामानों को लेकर पास के पटेलपारा में बसे हुए हैं। गांव के चारों ओर पानी भरा हुआ जिसके कारन सभी रास्ते अवरुद्ध है। इसके चलते ग्रामीणों तक राहत नहीं पहुंच पा रहा हैं।
बस्तर में 03 की मौत
वहीं, बस्तर में लगातार हो रही बारिश के चलते कई नदी-नाले उफान पर हैं। कुछ गांव टापू में बदल गए हैं। बारिश और बाढ़ के कारण 02 दिन में 03 मौतें भी हो गई हैं। बता दें बस्तर जिले में बरसाती नाला को पार करते समय मां-बेटे की पानी में डूबने से मौत हो गई हैं। जिनके शव को बाहर निकाल लिया गया है। दरअसल, बस्तर जिले के दरभा में मुनगा नाला उफान पर है। वहीं शनिवार को उसी इलाके की रहने वाली फूलों माड़वी (38) अपने बच्चे को लेकर नाला पार करने की कोशिश कर रही थी, इसी बीच पानी के तेज बहाव के साथ मां-बेटा दोनों बह गए और उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि, हादसे के वक़्त वहां पर उसकी सास भी मौजूद थी। उन्होंने अपने बहू और पोते को डूबते देख आस पास के लोगों से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई। लेकिन जब तक उनको बाहर निकाले, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उसूर ब्लाक के दर्जनों गांवों में सड़क के अभाव के साथ संचार एंव विद्युत व्यवस्था भी बंद है। यह इलाका नक्सलगढ़ कहलाने के कारण यहां सड़क बिजली पानी सहित मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है।