BHILAI. भिलाई के मैत्री बाग में व्हाइट टाइगर का कुनबा बढ़ गया है। मैत्री बाग में रक्षा और सुल्तान ने तीन नए शावक को जन्म दिया है, जिन्हें मां रक्षा की देखरेख में डार्क रूम में रखा गया है। जू के कर्मचारी मां और शावकों की लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। डेढ़ महीने पहले पैदा हुए इन शावकों को जुलाई में आम दर्शकों के लिए केज में शिफ्ट किया जाएगा। तीन नए सदस्यों के आने से मैत्री बाग में व्हाइट टाइगर्स की संख्या 6 से बढ़कर 9 हो गई है। 9 महीने पहले रोमा और सुल्तान से एक शावक पैदा हुआ था, जिसका नाम सिंघम रखा गया है।
जानकारी के अनुसार कुनबे में नए शावकों के आने से पहले जू में वाइट टाइगर के 4 मेल और 2 फीमेल सदस्य थे। तीन नए शावकों में से कितने फीमेल और मेल हैं, इसका फिलहाल पता नहीं लगाया गया है। बता दें कि 1997 में नंदन कानन जू (उड़ीसा) से व्हाइट टाइगर का पहला जोड़ा तरूण और तापसी को मैत्री बाग लाया गया था। उसके बाद से जू में 18 शावक पैदा हो चुके हैं। इनमें से 12 देश भर के विभिन्न जू में भेजे गए। वाइट टाइगर के कुनबे में तीन नए शावक के आने के प्रबंधन एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इनमें से कुछ को दूसरे जू और उनके बदले नए मेहमान लाने की योजना बना रहा है।
1998 में पहली बार भिलाई में लाए गए थे सफेद बाघ
गौरतलब है कि साल 1998 में मैत्री बाग में पहली बार सफेद बाघ भिलाई लाए गए। भुवनेश्वर स्थित नंदन कानन चिडिय़ा घर से मैत्रीबाग में सफेद बाघ व बाघिन (तरुण-तापसी) का जोड़ा लाया गया था। भिलाई के टाउनशिप क्षेत्र और मैत्री बाग का वातावरण इन बाघों को भा गया। जिसके बाद इनके प्रजनन के सफलतम प्रयास किए गए। प्राकृतिक माहौल, वातावरण व अच्छी देख-रेख की वजह से सफेद बाघ का कुनबा बढ़ने लगा। यहां से कई शावक व बाघ चेन्नई, कलकत्ता, दिल्ली, गुजरात,महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुसार एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भेजे गए हैं।