BILASPUR. कोयला घोटाले के मामले में आरोपी और राज्य प्रशासनिक सेवा छत्तीसगढ़ की अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज हो गई है। जी हां जेल में बंद राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। बता दें कि राप्रसे की अधिकारी सौम्या चौरसिया की गिनती छत्तीसगढ़ के काफी रसूखदार अफसर के रूप में की जाती थी। जो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही हैं।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने शुक्रवार को निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके पहले सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। करीब दो महीने बाद आज इस पर फैसला आ गया है। मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम के उप सचिव व राज्य सेवा संवर्ग की अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला और अवैध उगाही गिरोह मामले में दोषी ठहराया था और बीते दो दिसंबर 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रकार करीब 7 महीने से सौम्या जेल में बंद हैं।
वर्तमान में भूपेश बघेल सरकार में सबसे ताकतवर और सुप्रीम पॉवर कहे जाने वाली सौम्या चौरसिया को हाई कोर्ट से करारा झटका लगा है। करीब दो महीने पहले 12 दिनों की बहस के बाद रिजर्व किया आदेश 23 जून (शुक्रवार) को जस्टिस पी सैमकोशी ने सार्वजिनक किया। फिलहाल अभी भी जस्टिस सैमकोशी के कोर्ट विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा है।
ईडी ने आरोप लगाया था कि सौम्या चौरसिया ने कोयला घोटाला और अवैध उगाही गिरोह के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी के जरिए इस पूरे स्कैम को अंजाम दिया था, ईडी के अनुसार, प्रारंभिक रूप से ये घोटाला 500 करोड़ से भी ऊपर का बताया गया। ईडी ने इस मामले में कई अभियुक्तों की संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डॉ. सौरभ पांडे ने हाई कोर्ट द्वारा सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले की पुष्टि की है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सौम्या चौरसियों को करारा झटका लगा है। जाहिर है कि अभी कुछ दिन और उन्हे जेल की हवा की खानी पड़ेगी।