RANCHI. मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला झारखंड के गढ़वा से सामने आया है। यहां एक नवजात की जन्म लेने के तुरंत बाद ही मौत हो गई थी। उसके परिशन कफन लेने के लिए गए। इस बीच अस्पताल की नर्स ने बच्चे को जलते हुए कचरे में फेंक दिया।
जब परिजनों को इस घटना का पता चला, तो हंगामा हो गया। इस अमानवीय घटना की खबर फैलते ही अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी भी चौंक गए। परिजनों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ काफी रोष है और उन्होंने नर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जन्म के तुरंत बाद हो गई थी बच्चे की मौत
मामला गढ़वा के मझिगांव रेफरल अस्पताल का है। बताया जा रहा है कि पलामू की रहने वाली 22 साल की मधु देवी को प्रसव के लिए रेफरल अस्पताल मझिगांव में भर्ती कराया गया था। डॉ. मदन लाल, एएनएम मंजू देवी, निर्मला देवी और दाई दौलत देवी की निगरानी में मधु का प्रसव हुआ। मगर, जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे की मौत हो गई।
परिजन कफन लेने गए, नर्स के किया कांड
मधु के पिता हरि किशोर और मां राजमती देवी ने बताया कि हम नवजात के अंतिम संस्कार के लिए कफन लेने के लिए बाजार गए। उधर, दाई और नर्स ने नवजात को अस्पताल परिसर में जल रहे कचरे के ढेर में बच्चे को फेंक दिया। इसका आरोप दाई दौलत देवी और एएनएम निर्मला कुमारी और मंजू कुमारी पर लगा है।
मामले की जांच हो रही है, कड़ी कार्रवाई होगी
इस घटना पर हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. गोविंद प्रसाद सेठ ने कहा कि मृत बच्चे को परिजनों को सौंप देना चाहिए था। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाले है। आरोपी नर्स के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इस बारे में जिला प्रशासन को भी पत्र लिखा गया है। बताया जाता है कि नवजात को जलते कचरे में फेंकने की आरोपी नर्स निर्मला कुमारी पहले भी विवादित रहा है। वह पहले भी दो साल जेल की सजा काट चुकी है।