RAIGARH. जाने माने कवि कुमार विश्वास आज अपनी प्रस्तुति देने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में पहुंचे हैं। यहां पर कुमार विश्वास ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात है कि कि यहां श्रीराम के चरणों की धूल पड़ी। कुमार विश्वास ने कहा कि भगवान श्री राम विश्व मंगल, लोक मंगल और समरस शासन की सबसे बड़ी अवधारणा हैं। 1932 में महात्मा गांधी ने नव जीवन अखबार में रामराज्य और भारत पर अपने विचार लिखे थे। उन्होंने कहा कि जो श्रीराम पूरे विश्व को ज्ञान का मार्ग बताते हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ में रहने वाली वनवासी माता शबरी ने ज्ञान का मार्ग दिखाया। शबरी ने ही उन्हें कहा कि पंपा सरोवर जाएं और सुग्रीव से मिलें।
कुमार विश्वास ने कहा कि मैं बरसों से छत्तीसगढ़ आ रहा हूं। छत्तीसगढ़ में श्रीराम के वनगमनपथ के विकास के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से इस संबंध में चर्चा होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रामवनपथगमन के विकास और राष्ट्रीय स्तर पर इस सुंदर आयोजन के लिए मैं धन्यवाद देता हूँ। रामकथा को लेकर, उनके पुण्यस्थलों को सहेजने को लेकर बहुत अच्छा काम हो रहा है। रायगढ़ संस्कारधानी में सुंदर आयोजन हो रहा है। बहुत सुंदर कार्य राम कथा को लेकर भी हुआ है।
इसके साथ ही कुमार विश्वास ने कहा कि वह उन सभी जगहों पर जाना चाहेंगे, जहां से श्रीराम के चरण पड़े। मैं उस मार्ग का विचरण करना चाहता हूं जहां से राघवेंद्र सरकार गुजरे तथा उनकी चरण धूलि लेना चाहता हूं। विश्वास ने कहा कि आज अरण्यकांड पर मेरी प्रस्तुति होगी, जब श्री राम छत्तीसगढ़ में वनवास में आए होंगे। उस समय यहां सघन वन रहा होगा। उस समय जनजातियों से उनके आत्मीय संवाद हुए।
कुमार विश्वास ने कहा कि श्रीराम ने हमें बताया कि यहां के वनवासी कितने सरल सहज हैं। कितने आत्मीय हैं और हमेशा सत्य के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी विशेष इच्छा माता कौशल्या एवं माता शबरी पर केंद्रित व्याख्यान करने की है। माता कौशल्या जिन्होंने अपने पुत्र को लोक कल्याण के लिए वन भेज दिया। इसके लिए बहुत बड़ा दिल चाहिए। इन सब की कथा कहना चाहता हूं।