RAIPUR. छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार कार्रवाई कर रही है। इस बीच, ईडी ने कोल घोटाले के मामले में बड़ा खुलासा किया है। ईडी के अनुसार रायपुर में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने कोयला और लोहे के छर्रो की आवाजाही पर अवैध लेवी से संबंधित एक मामले में दायर दो अभियोजन शिकायतों का संज्ञान लिया है। इस मामले में उपसचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई समेत अन्य जांच के दायरे में हैं। इस मामले में ईडी ने पहले विश्नोई और चौरसिया को गिरफ्तार किया था। इसकी जानकारी ईडी ने सोशल मीडिया पर दी है।
ईडी ने कहा कि जांच से पता चला है कि इस जबरन वसूली रैकेट में 540 करोड़ रुपए लिए गए हैं। 540 करोड़ रुपए जबरन वसूली का अपराध दर्ज किया गया था। इसका उपयोग राजनीतिक खर्च, बेनामी संपत्ति बनाने और अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए किया गया था। ईडी ने इस मामले में 220 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है। इस दौरान ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोयला, लोहे के छर्रो आदि की आवाजाही पर अवैध लेवी वसूलने वाले कोयला व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और चौरसिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है।
बता दें कि इस दौरान ईडी ने कई तलाशी ली हैं और अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने मामले में रायपुर की एक विशेष अदालत के समक्ष सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और अन्य के खिलाफ दो अभियोजन शिकायतें भी दर्ज की हैं। अब, विशेष अदालत (पीएमएलए) रायपुर ने ईडी की अभियोजन शिकायतों का संज्ञान लिया है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि प्रदेश में ईडी ने लगातार कर छापेमारी कर कोल घोटाला को उजागर किया था। ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपए की वसूली की जाती थी। इस मामले में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलिए शामिल थे। बीते दो साल में अवैध वसूली के जरिए कम से कम 540 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी। इस पूरे मामले की अभी भी जांच चल रही है।