MANEDRAGARH. राजनगर में 30 साल से बंद कोल खदान में आज दो जिंदगियां दब गईं। जानकारी के अनुसार साउथ ईस्टन कोल्डफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) के बंद ओपन कास्ट प्रोजेक्ट एरिया से कोयला निकालते समय मिट्टी धंस गई। इस दौरान दो महिलाओं की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और दोनों को बाहर निकाल कर बिजुरी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने महिलाओं को मृत घोषित किया। वहीं महिलाओं के दबने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग घटना स्थल पर पहुंच गए।
दरअसल, आज एसईसीएल की बंद ओपन कास्ट माइंस की ओबी की खुदाई कर कोयला निकल रहीं 2 महिलाओं की मिट्टी के धंसने से उसमें दब गईं। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मिट्टी में दबी महिलाओं को बाहर निकाला और अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टरों ने कौशल्या (38) पति नागेंद्र निवासी प्रेमनगर व इंद्रकली (47) पति भीखम महरा निवासी इंदिरा नगर के रूप में की गई।
गौरतलब है कि सूरजपुर में पिछले साल SECL की बंद पड़ी कोयला खदान धंसने से दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी। बताया गया था कि दोनों ग्रामीण कोयला चोरी करने के लिए खदान में गए थे। इसी दौरान हादसा हो गया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला था। दरअसल, भटगांव के दुग्गा में SECL की कोयला खदान थी। जिसे कुछ साल पहले बंद किया जा चुका था। इसी खदान से बनिया टिकरी बैजनाथपुर निवासी रामेश्वर राजवाड़े और सुख लाल राजवाड़े कोयला चोरी करने के लिए गए थे। इसी दौरान खदान की मिट्टी धसकने से दोनों उसी में दब गए और उनकी मौत हो गई थी। वहीं, दो साल पहले कोरबा में एसईसीएल की बंद कोयला खदान में कोयला निकालने के लिए बनाए गए गड्ढे नुमा सुरंग के अचानक धंसकने से कोयला चट्टान और मिट्टी में दबकर एक किशोरी की जान चली गई। उसे जब तक बाहर निकाला जाता, तब तक देर हो चुकी थी। उसकी मौत हो गई थी।