RAIPUR. छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के साथ ही सियायत भी तेज हो गई है। इस पर बीजेपी-कांग्रेस अब खुलकर सामने आ गए हैं। सीएम भूपेश बघेल ने भी ईडी के छापे को राजनैतिक षड्यंत्र बताया है। इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने सरकार पर निशाना साधा था। इसके बाद अब कांग्रेस ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए बीजेपी पर पलटवार करते हुए जमकर हमले किए हैं। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव आज एक बार फिर से ईडी के प्रवक्ता के रूप में सामने आए हैं। वे ईडी के तथा कथित आरोपो की सच्चाई के लिए कसमें खा रहे थे। इसके पहले भी जब ईडी की कार्रवाई हुई थी, तब भी ईडी ने अपना अधिकृत प्रेसनोट जारी नहीं किया, उसके पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रेस नोट जारी करके ईडी की कार्रवाई का ब्योरा सामने रखा था। इसके तीन दिन बाद ईडी ने रमन सिंह के प्रेस नोट की हूबहू नकल कर प्रेसनोट जारी किया था। इन दोनो प्रकरणों से साबित हो रहा है कि छत्तीसगढ़ में ईडी भाजपा के राजनैतिक एजेंडे के अनुसार काम कर रही है। बीजेपी और ईडी के बीच में आर्गनाइज्ड पॉलिटिकल सिंडीकेट बना हुआ है। ईडी ने कुछ एक व्यापारियों, अधिकारियों से पूछताछ करके तथा कथित रूप से यह घोषणा कर दिया कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का शराब घोटाला कर दिया।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अरुण साव ने दावा किया है कि ईडी ने शराब दुकानों में सीधे शराब बिकवाने का खुलासा किया है। ईडी का दावा है शराब के बोटलो में नकली होलोग्राम लगाये गये अवैध शराब बेची गई है। जब ईडी इतने बड़े घोटाले की बात कर रही है तो ईडी और बीजेपी बताए कि ईडी कितनी अवैध शराब कहां पर जब्त की। कितनी शराब दुकानों पर अवैध शराबे की बिक्री होते ईडी ने जब्ती बनाई थी और ईडी ने कितने नकली होलोग्राम जब्त किया। वहीं, कृषक कल्याण विभाग के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि पिछले 2 वर्षों से चल रही कार्रवाई में आज तक यह नहीं बताया कि कितनी नकदी और क्या-क्या संपत्ति अब तक जबकि जब्त की गई है। पहले की तरह अब भी दो हजार करोड़ का काल्पनिक आरोप निराधार और गतिशील है।
सरकार की छबि खराब करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर नही बीजेपी
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा चलाई जा रही सरकार और उनकी योजनाओं का राजनैतिक रूप से मुकाबला नही कर पा रही है। इसलिए मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की और सरकार की छवि खराब करने के लिए बीजेपी छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय एजेंसियो का दुरूपयोग कर रही है। केन्द्रीय एजेंसिया छत्तीसगढ़ में अधिकारियों यहां कार्यवाही करती है व्यापारियों के यहां कार्यवाही करती है और उसके बाद उनके द्वारा कुछ आंकड़े दिये जाते है। इन आंकड़ो का कोई भी आधार सामने नही रखा जाता है और उन आंकड़ो के आधार पर भाजपा के नेता प्रेस कांॅॅफ्रेंस करते है ट्वीट करते है जैसे भाजपा के नेता ईडी के प्रवक्ता बने है। उसके बाद सरकार की छवि खराब करने के लिये बयान दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ में हजारों रूपये का घोटाला हो गया आबकारी, कोयला घोटाला हो गया कौआ कान ले गया लेकिन किसी को पता नही है। इस आंकड़ो का आधार क्या है?