BANDIPUR. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह जंगल सफारी का लुत्फ उठाया. वह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के सिलसिले में चामराजनगर पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री का फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और संरक्षण गतिविधियों में शामिल स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत की. उन्होंने तमिलनाडु में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर का भी दौरा किया और वहां महावतों और कावड़ियों के साथ बातचीत की. बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुक में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुक में स्थित है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार सुबह ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांदीपुर और मुदुमलाई बाघ अभयारण्य जाते हुए. ट्वीट के साथ पीएमओ ने मोदी की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह सफारी के कपड़े पहने और हैट लगाए हुए नजर आ रहे हैं.
इसके अतिरिक्त पीएम मोदी इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस कार्यक्रम भी लांच करेंगे. इस वैश्विक पहल का उद्देश्य सात प्रमुख बड़ी बिल्ली प्रजातियों क्रमशः बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता की रक्षा और संरक्षण करना है. गठबंधन के पास ऐसे देशों की सदस्यता होगी जो इन शानदार प्रजातियों के घर हैं.
राज्य के वन विभाग के मुताबिक 19 फरवरी 1941 को एक सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान के वन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को लेकर एक राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था. विभाग के अनुसार 1985 में इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार किया गया, जिससे इसका क्षेत्र फल बढ़कर 874 वर्ग किलोमीटर हो गया और इसका नाम बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया.
1973 में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत लाया गया. इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को अभयारण्य में मिलाया गया.मौजूदा समय में बांदीपुरा बाघ अभयारण्य 912.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है.