CHANDIGARH. 1988 के रोड रेज मामले में अपने गृहनगर पटियाला की जेल में एक साल के सश्रम कारावास की सजा काट रहे पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को समय से 45 दिन पहले रिहा होने की संभावना है. वह शनिवार को जेल से बाहर आ सकते हैं. सिद्धू के हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कहा गया, ‘सभी को सूचित किया जाता है कि सरदार नवजोत सिंह सिद्धू को कल पटियाला जेल से रिहा कर दिया जाएगा.’ हालांकि सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने समय से पहले उनकी रिहाई की पुष्टि नहीं की है. सिद्धू ने 20 मई 2022 को 1988 के रोड रेज मामले में पटियाला की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लाल सिंह और मोहिंदर सिंह कायपी ने जेल में सिद्धू से मुलाकात की. दोनों ने सिद्धू के साथ करीब आधा घंटा बिताया. बाहर आने के बाद लाल सिंह ने कहा, ‘कार्यकर्ता फायरब्रांड नेता का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं, जो अपने वक्तृत्व कौशल के लिए जाने जाते हैं. सिद्धू राज्य और पूरे देश में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार हैं.’ पंजाब पुलिस ने भी सिद्धू के आवास पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है. सिद्धू के पास जेड प्लस सुरक्षा कवर है.पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सिद्धू के जेल से बाहर आने के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक उसके साथ एक सुरक्षा दल लगाया जाएगा. सिद्धू के स्वागत के लिए शहर में होर्डिंग लगाए जा रहे हैं, जिनके घर जाने से पहले पटियाला में धार्मिक स्थलों पर जाने की संभावना है.
पंजाब जेल के नियमों के अनुसार एक कैदी, जो जेल में रहने के दौरान अच्छा आचरण रखता है, उसे जेल के अंदर बिताने वाले हर महीने के लिए पांच दिन की छूट मिलती है. 31 मार्च को सिद्धू 45 दिनों की छूट के हकदार होंगे, जो उनकी जल्द रिहाई का मार्ग प्रशस्त करेगा. वह 2007 में तीन दिनों तक जेल में रहे, जिससे वह 1 अप्रैल को रिहा होने के योग्य हो गए हैं. जेल अधिकारियों ने बताया कि सिद्धू के अच्छे आचरण के कारण उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया जाएगा. हालांकि जेल से उनकी रिहाई 16 मई को निर्धारित थी. इससे पहले जनवरी में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अन्य कैदियों की जल्द रिहाई हुई थी, लेकिन राज्य की आप सरकार ने उनकी सजा में छूट देने से इनकार कर दिया था.
गौरतलब है कि पटियाला जेल में सिद्धू को एक साधारण बैरक में रखा गया है, क्योंकि सरकार ने वीआईपी कैदियों के लिए जेलों में विशेष प्रकोष्ठों को बंद करने का फैसला किया है. एक समय शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक बिक्रम सिंह मजीठिया उसी जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, जहां सिद्धू बंद हैं. ड्रग्स मामले के आरोपी मजीठिया कभी सिद्धू के करीबी दोस्त थे और अब राजनीतिक दुश्मन हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वे अमृतसर (पूर्व) से मैदान में थे, लेकिन उन्हें आप की जीवन ज्योति कौर से हार का सामना करना पड़ा.