NEW DELHI. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में रविवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होने से पहले आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने शायद जांच एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया है. उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) बहुत शक्तिशाली हैं और किसी को भी जेल भेज सकते हैं. ट्विटर पर जारी पांच मिनट के वीडियो संदेश में केजरीवाल ने कहा कि वह आबकारी मामले में सीबीआई के सवालों का सच्चाई और ईमानदारी से जवाब देंगे, क्योंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, मुझे आज सीबीआई ने तलब किया है और मैं सभी जवाब ईमानदारी से दूंगा. ये लोग बहुत शक्तिशाली हैं. वे किसी को भी जेल भेज सकते हैं, चाहे उस व्यक्ति ने कोई अपराध किया हो या न नहीं. उन्होंने कहा, कल से ही उनके सभी नेता चिल्ला रहे हैं कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाएगा और मुझे लगता है कि भाजपा ने सीबीआई को आदेश दे दिया है कि केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाए. अगर भाजपा ने आदेश दिया है, तो फिर सीबीआई कौन होती है? सीबीआई मुझे गिरफ्तार करने जा रही है.
#WATCH | Some anti-national forces don’t want India to develop. I want to tell these forces that the country will continue to progress: Delhi CM and AAP leader Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal has been summoned by CBI in connection with the liquor scam case. pic.twitter.com/D49pFh5hld
— ANI (@ANI) April 16, 2023
केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर सकते हैं. उन्होंने कहा, मैं देश और भारत माता से प्यार करता हूं. मैं देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर सकता हूं. केजरीवाल आबकारी नीति मामले में रविवार को सीबीआई के समक्ष पेश होंगे और इस दौरान पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान और कुछ कैबिनेट सहयोगी भी उनके साथ संघीय एजेंसी के दफ्तर जाएंगे. केजरीवाल को गवाह के रूप में बुलाया गया है और वह आबकारी नीति मामले में आरोपी नहीं हैं. केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पिछले महीने गिरफ्तार किया था.
इससे पहले सीबीआई हेड क्वॉर्टर और केजरीवाल के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. इन आरोपों का संबंध दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से है. सीबीआई शराब कारोबारियों द्वारा लाइसेंस पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने के आरोपों की जांच कर रही है. यह नीति अब निरस्त की जा चुकी है.