JAGDALPUR. बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर पहुंचे थे। वहीं उस दौरान उन्होंने करनपुर सीआरपीएफ हेडक्वाटर में बयान भी दिया जिसके विरोध में नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है। नक्सलियों ने लिखा है कि उनको सीआरपीएफ से नहीं बल्कि उनकी लड़ाई बीजेपी-आरएसएस से है। यह पर्चा सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने जारी किया है।
दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि बस्तर में नक्सलवाद अंतिम चरण में है…, जिसके विरोध करते हुए नक्सलियों ने जिसे जन आंदोलन और नक्सलियों के ऊपर बड़ी तेजी से दमन करना बताया है। नक्सलियों ने इस बयान के बाद ड्रोन और हवाई हमले तेज कर देने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने लिखा है कि हमारी दुश्मनी सीआरपीएफ से नहीं है, बल्कि बीजेपी और आरएसएस है जो बड़ी संख्या में बस्तर में सैन्य बल तैनात कर बस्तर के आदिवासियों के जल ,जंगल, जमीन को अंबानी और अडानी को बेचना चाहती है।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय बस्तर दौरे पर शुक्रवार को सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने जगदलपुर पहुंचे थे।इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि सीआरपीएफ ने नक्सलियों के गढ़ों पर कार्रवाई करने के मकसद से छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित किया है।
नक्सलवाद खात्मे की ओर है
छत्तीसगढ़ में कुल 17 फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) बनाए गए हैं। साथ ही कहा था कि FOB आसपास के इलाकों में अभियान चलाकर नक्सलियों का सफाया कर रही है। सीआरपीएफ और पुलिस के हौसलों से नक्सलवाद खात्मे की ओर है। इस बयान के बाद ही नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है।