MUMBAI. अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने इस बारे में खुलकर बात की है कि फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे एक मां का नेतृत्व क्यों दर्शाती है. आईएमडीबी के साथ साझा की गई एक विशेष बीटीएस क्लिप में रानी ने कहा, फिल्म एक भावना के साथ प्रतिध्वनित होती है, जो मां की भावना है. यह फिल्म दुनिया के सभी बच्चों को याद दिलाती है कि मां से बड़ी कोई भावना या रिश्ता नहीं है. एक मां के रूप में मैं खुद को सागरिका की जगह नहीं रख पाई क्योंकि अपने बच्चे से अलग होना एक दर्दनाक सोच है.
उन्होंने आगे कहा, मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर सकती. जानवरों की भी अपने बच्चों के साथ स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है कि अगर कोई उनके बच्चों को ले जाने की कोशिश करेगा, तो मां सीधे हमला कर देगी. इंसानी मांओं के साथ भी ऐसा ही है. आप अपनी माताओं को धन्यवाद कहना भूल जाते हैं और उन्हें हल्के में लेते हैं. मुझे उम्मीद है कि इस फिल्म को देखने के बाद, बहुत सारे बेटे और बेटियां अपनी माताओं के पास पहुंचेंगे और उन्हें कसकर गले और चुंबन देंगे.
मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे का निर्देशन आशिमा चिब्बर ने किया है. इसमें रानी मुखर्जी, अर्निबान भट्टाचार्य, नीना गुप्ता और जिम सर्भ हैं. फिल्म एक भारतीय जोड़े की सच्ची कहानी है, जो मां पर आधारित एक रूपांतरण है – सागरिका चक्रवर्ती की आत्मकथा जिसका शीर्षक द जर्नी ऑफ ए मदर है, जिसके बच्चों को 2011 में नॉर्वेजियन चाइल्डकेयर सिस्टम (बार्नवेर्नेट) ने उनसे छीन लिया था.