BHILAI. होली के पावन अवसर पर सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडीटोरियम में अर्थ स्वरूप में स्थित हो कर देह भान, अभिमान अहंकार को समाप्त कर सच्ची होली मनाई गई। ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि जो कुछ अर्थात में हुई वह बीती सो बीती | आप पुराने संस्कारों की होली जलाकर श्रेष्ठ गुणों के रंगों से अलौकिक होली मनाओ | साथ ही कहा कि गुणों, शक्तियों, स्नेह ,सहयोग, शांति, खुशी के अविनाशी का रंग सभी को सदा लगाते रहो|
व्यर्थ कमजोरी के संकल्पों का करों होलिका दहन
आशा दीदी ने कहा कि व्यर्थ कमजोरी के संकल्पों, दुख देने वाले संस्कारों का होलिका दहन करो, वहीं उन्होंने परमात्मा पिता के संग के रंग को सर्वश्रेष्ठ होली बताया है | यहां आत्मिक स्मृति का तिलक लगाकर गुलाबाशि एवं खुशियों की पिचकारी से संस्कार मिलन की रास द्वारा उमंग उत्साह से होली पर्व मनाया गया|
जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन
संध्या होली स्नेह मिलन में डिवाइन ग्रुप के बच्चों द्वारा मनाया गया। बच्चों ने कविता प्रस्तुत कि जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन, जैसा पानी वैसी वाणी, जीवन में सात्विक भोजन का महत्व एवं फ्लाइ, क्लेप, वाक्, डांस, जंप,उल्टा पुल्टा दिमागी कसरत, नेता जी की जय हो, शांति की तलाश, गप्पू बाबा जाने मन की बात, मनमत, परमत एवं शिक्षाप्रद हास्य नाटक प्रस्तुत किया गया |
इनके अलावा भावनात्मक हृदयस्पर्शी नाटक द्वारा दर्शाया गया की धन कमाने की अंधी दौड़ में सद्भावना,धैर्यता, ईमानदारी, नम्रता जैसे गुणों को दरकिनार कर और झूठ, छल कपट, बेईमानी, भ्रष्टाचार से कमाया गया धन जीवन के अंतिम समय में पश्चाताप एवं दुख अशांति लाती है |
पिज्जा बर्गर छोड़े भारतीय भोजन अपनाएं
इस अवसर पर गणेश जी द्वारा डमरु एवं पिचकारी से नृत्य करते हुए सन्देश दिया गया की पिज्जा-बर्गर को छोड़ भारतीय भोजन पद्धति एवं योगयुक्त जीवन शैली को अपनाकर अपना जीवन स्वस्थ रखने का संदेश दिया|