MUMBAI. मोदी सरनेम आपराधिक मानहानि केस में दोषसिद्धि और इसी आधार पर संसद से अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को वीर सावरकर पर टिप्पणी भी भारी पड़ सकती है. किसी भी मसले पर सावरकर पर लांछन लगाने वाले राहुल गांधी के खिलाफ अब सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने नई मुसीबतें खड़ी करते हुए माफी मांगने की मांग की है. साथ ही दिवंगत हिंदुत्व विचारक पर बेबुनियाद और अपमानजनक टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की चेतावनी दी है.
गौरतलब है कि 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा था, ‘मेरा नाम सावरकर नहीं है, मैं माफी नहीं मांगूंगा.’ सावरकर के पोते और स्वांत्रय वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्षरंजीत सावरकर ने कहा कि अगर राहुल गांधी अपनी टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगते हैं, तो वह कांग्रेस नेता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह साबित करना होगा कि स्वांत्रय वीर सावरकर ने अंडमान द्वीप समूह में सेलुलर जेल से अपनी रिहाई के लिए अंग्रेजों से माफी मांगी थी. मैंने इस मसले पर पहले भी एफआईआर दर्ज की है, मैं फिर से करूंगा.
मानहानि के मामले में सूरत की अदालत द्वारा उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने विवादास्पद बयान दिया था. इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए रंजीत सावरकर ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से राहुल गांधी से बात करने और उनसे माफी मांगने के लिए आग्रह करने के लिए कहा है. कांग्रेस नेता की आलोचना से संतुष्ट नहीं रंजीत सावरकर ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने कथित तौर पर कांग्रेस के प्रकाशन शिदोरी में एक आपत्तिजनक लेख छपने पर कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने कहा, उस समय मैंने मांग की थी कि ठाकरे को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन मुझे मेरे पत्र का कोई जवाब नहीं मिला और न ही कोई कार्रवाई की गई. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने राहुल गांधी की टिप्पणी के लिए आलोचना की है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस नेता की कड़े शब्दों में आलोचना की है. इसके अलावा एनसीपी-कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी आपत्तियां व्यक्त की हैं, जो एमवीए गठबंधन के भविष्य पर प्रभाव डाल सकते हैं. हालांकि शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आश्वासन दिया है कि यह प्रभावित नहीं होगा. राउत और ठाकरे के सावरकर पर टिप्पणी के प्रति अपनी नाराजगी दर्ज कराने के लिए जल्द ही राहुल गांधी से मिलने की संभावना है.