ASIR. मक्का और मदीना के पवित्र शहरों में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस एक पुल से टकरा कर पलट गई. इस टक्कर के बाद बस में आग लगने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हो गए. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रमजान के पहले सप्ताह में हुई है, जो आमतौर पर उमराह करने जाने वालों के लिहाज से व्यस्त समय होता है. हाल-फिलहाल हताहतों की राष्ट्रीयता पता नहीं चल सकी है. हालांकि राज्य के स्वामित्व वाले मीडिया चैनल अल-एखबरिया ने के मुताबिक हताहत अलग-अलग देशों से थे. गौरतलब है कि रमजान के पवित्र महीने में दुनिया भर से लाखों मुसलमान हज करने आते हैं. यह हादसा मक्का और मदीना की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दौरान पेश आती लगातार चुनौतियों पर प्रकाश डालती है.
राज्य के स्वामित्व वाले अल-एखबारिया समाचार चैनल ने बताया, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच गई और घायलों की संख्या लगभग 29 थी. हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट में बिना कोई विवरण दिए बताया गया कि कुछ तकनीकी समस्या दुर्घटना का कारण बनी.’ हालांकि एक निजी स्वामित्व वाले समाचार पत्र ओकाज़ ने कहा कि ब्रेक की समस्या से यह दुर्घटना हुई. अल-एखबरिया द्वारा प्रसारित फुटेज में बस के जले ढांचे को देखा जा सकता है. हज के दौरान मक्का और मदीना की ओर जाने वाली सड़कें बेहद अव्यवस्थित हो जाती हैं.
ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है, जिससे इस्लाम के दो सबसे पवित्र शहरों की धार्मिक यात्रा बहुत खतरनाक हो जाती है. अक्टूबर 2019 में भी मदीना शहर के पास एक सड़क पर एक बस दूसरे भारी वाहन से टकरा गई थी. उस हादसे में भी कम से कम 35 लोग मारे गए थे और 4 अन्य घायल हुए थे. यातायात की चुनौतियों के बावजूद पिछले कुछ वर्षों में वार्षिक हज यात्रा के लिए यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
सऊदी अरब की मुस्लिम देशों में एक विशेष स्थिति है. यहां सबसे पवित्र इस्लामी स्थल मस्जिद अल-हरम भी स्थित है. वार्षिक हज यात्रा भी देश में बढ़ते पर्यटन क्षेत्र का एक प्रमुख हिस्सा है. सऊदी अरब अपने राजस्व स्रोतों के लिए पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है. इससे तेल बेचने से आय पर सऊदी अरब की निर्भरता कम हो जाती है.