BILASPUR. भिलाई के सेक्टर चार में रहने वाले सशस्त्र बल के जवान को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उसके स्थानांतरण पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। मानवीय आधार पर ये फैसला लिया गया है। दरअसल, उसकी पत्नी यहां भिलाई में गर्भवर्ती है। जबकि उसकी देखरेख के लिए आरक्षक के अलावा और कोई नहीं है। नियमत: स्थानांतरण वैध है और इस पर सिंगल बेंच ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। तब डिवीजन बेंच ने मानवीय आधार पर निर्णय सुनाया।
आपको बता दें कि सेक्टर-चार भिलाई निवासी संजय वर्मा की नियुक्ति 13वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल बांगो हाल में पुलिस मुख्यालय दूरसंचार, रायपुर में पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल के पद पर पदस्थ था। इस पदस्थापना के दौरान सेनानी, 13 वीं वाहिनी की आरे से उाका स्थानांतरण कोरबा से फरसेगढ़, जिला बीजापुर कर दिया गया है। स्थानांतरण आदेश को संजय वर्मा ने अपने अधिवक्ता के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। रिट याचिका पर सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में की गई। उन्होंने स्थानांतरण आदेश को उचित ठहराया और रिट याचिका को खारिज कर दिया था।
इसके बाद आरक्षक संजय वर्मा ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी। उसके अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने तर्क देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता आरक्षक की पत्नी रिंकी कुमारी गर्भवती है। वहीं परिवार में कोई भी जिम्मेदार सदस्य नहीं होने के कारण वह पूर्ण रूप से याचिकाकर्ता पर ही आश्रित है। गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए ही उसने स्थानांतरण आदेश पर स्थगन की मांग की है। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चन्द्रवंशी के डिवीजन बेंच में की गई। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने मानवीय आधार के साथ ही याचिकाकर्ता की पत्नी की प्रेग्नेंसी को ध्यान में रखते हुए राहत प्रदान की है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य शासन के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।