NEW DELHI. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट से पहले वित्त मंत्री कहा चुकी हैं कि केंद्र सरकार मध्यम वर्ग के लिए काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि वह खुद मध्यम वर्ग से हैं, इसलिए वह उस वर्ग की समस्याओं और दबावों को समझती हैं।
ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बजट में सरकार द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार की जा सकती है। साथ ही नौकरीपेशा लोगों की ओर से धारा 80सी के तहत आयकर छूट की सीमा बढ़ाने और निवेश की सीमा बढ़ाने का अनुरोध वित्त मंत्री की ओर से पहले ही किया जा चुका है।
मध्यम वर्ग पर नहीं लगाया है कोई नया टैक्स
अगर, ये दोनों काम हो जाते हैं, तो मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी। बताते चलें कि निर्मला सीतारमण यह कह चुकी हैं कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने किसी भी बजट में मध्यम वर्ग पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि 5 लाख रुपये तक की आय वालों को सरकार ने आयकर से बाहर रखा है।
मेट्रो का किया गया विस्तार
आने वाले बजट में भी सरकार मध्यम वर्ग के लिए काम करती रहेगी। सीतारमण ने कहा कि मध्यम वर्गीय परिवार मास ट्रांजिट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए मेट्रो को 27 से ज्यादा जगहों पर ट्रांसफर किया गया है।
स्मार्ट सिटी पर फोकस कर रही है सरकार
वित्त मंत्री ने कहा कि कई मध्यवर्गीय लोग काम की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं। हम लगातार स्मार्ट सिटी पर फोकस कर रहे हैं। भारतीय आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मध्यम वर्ग से जुड़ा है। ऐसे में 1 फरवरी के बजट से काफी उम्मीदें हैं. 2024 में होने वाले संसदीय चुनाव से पहले यह मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार इनकम टैक्स, स्वास्थ्य और नौकरियों को लेकर नए ऐलान कर सकती है।