DURG. प्रदेश में एक तरफ पढ़ाई डिजिटलाइज हो रही है। ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। वहीं स्कूलों में डिजिटलाइज करने का जिम्मा जिन समन्वयक को सौंपा गया है, उन्हें ही अपने वेतन के लिए तीन माह से दर बदर भटकना पड़ रहा है। जिस कंपनी को पूरे राज्य का काम मिला है। वह इन समन्वयकों से कार्य करवाने के बाद पेमेंट के लिए ठेंगा दिखा रहा है। ऐसे में अपने कार्यक्षेत्र में उधारी के पैसे लेकर आना जाना पड़ रहा है।
इन समन्वयकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। शिक्षा विभाग इन्हें प्लेसमेंट एजेंसी का मानकर उनके प्रमुख से बात करने का आश्वासन दे रहा है। पूरे राज्य में आईसीटी लैब एवं डिजीटल क्लासरूम के संचालन का जिम्मा दिल्ली की निजी कंपनी को केंद्र के द्वारा सौंपा गया है। कार्य के बाद हर माह इन्हें महज सात हजार पांच सौ रुपए इन समन्वयकों को देना तय हुआ है।
इनके द्वारा स्कूलों में जाकर स्कूली बच्चे और शिक्षकों को ट्रेनिंग दिया जाता है। यह समन्वयक इस जिले में कुल 99 की संख्या में नियुक्त किए गए हैं। इन्हें दुर्ग जिला अंतर्गत सभी शासकीय स्कूलों में ICT लैब और डिजीटल क्लासरूम के संचालन के लिए रखा गया है। इन्होंने आज बड़ी संख्या में दुर्ग स्थित सहायक जिला परियोजना अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर अपने वेतन की मांग को लेकर गुहार लगाई। साथ ही यहां उपस्थित अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।