JASHPUR. जशपुर जिले में लचर शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कवायद शुरू हो गई है। यहां शराबी शिक्षकों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के बाद अब मध्यान्ह भोजन की जगह-जगह अव्यवस्था को सुधारने के लिए सख्ती बरती जा रही है। मिड-डे मिल की ऑनलाइन इंट्री नहीं करने वाले 150 प्रधान पाठकों को शो काज नोटिस देने के बाद सभी स्कूलों में हड़कंप मच गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी ने मध्यान्ह भोजन योजना से लाभान्वित विद्यार्थियों की लम्बे समय से जानकारी नहीं देने वाले 150 प्रधान पाठकों के विरुद्ध कार्यवाही शुरू कर दी है। सबसे पहले बगीचा विकासखंड के इन सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। दरअसल, मध्यान्ह भोजन योजना से लाभान्वित विद्यार्थियों की नियमित जानकारी उपलब्ध नहीं कराने से इस योजना में भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। इसकी शिकायत के बाद जिले के सभी स्कूलों में सख्ती बरती गई है।
दरअसल प्रतिदिन एमडीएम से लाभवान्वित होने वाले बच्चों की संख्या की इंट्री ऑनलाइन गवर्मेंट के पोर्टल में की जानी है। यह इंट्री मोबाइल एप के माध्यम से प्रधान पाठकों के द्वारा की जाती है, लेकिन 150 प्रधान पाठक की लापरवाही से इंट्री नहीं हो सकी है। एंट्री नहीं होने के कारण आबंटन प्रभावित हो सकता है और हजारों स्कूली बच्चे दोपहर के भोजन से वंचित किए जा सकते हैं।
बगीचा के बीईओ हेमंत नायक के अनुसार मिड डे मिल शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना की ऑनलाइन इंट्री में प्रधान पाठकों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। इसके मद्देनजर 150 प्रधान पाठक जिन्होंने ऑनलाइन एंट्री नहीं की है, उन्हें शो काज नोटिस जारी किया गया है।
वहीं मामले में प्रधान पाठकों की माने तो उनके द्वारा ऑनलाइन इंट्री प्रतिदिन की जा रही है लेकिन पोर्टल में रिपोर्ट क्यों नहीं दिख रहा उन्हें नहीं पता। वहीं कई स्थानों में नेटवर्क की दिक्कत भी सामने आ रही है। साथ ही प्रधान पाठकों ने तकनीकी ट्रेनिंग की मांग भी की है। बहरहाल शो काज नोटिस जारी होने से स्कूल और शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।