BHILAI. गोवर्धन फांउडेशन द्वारा गिरजाधाम मंदिर प्रांगण, आजाद चौक मुक्तिधाम रामनगर, भिलाई में दुर्लभ सत्संग का आयोजन एक से सात दिसंबर तक किया जा रहा है। यह सत्संग दोपहर दो से पांच बजे तक आयोजित किया जा रहा है। दुर्लभ सत्संग का भव्य शुभारंभ श्री हनुमान चालीसा के साथ हुआ। यहां सबसे श्रीहरि के चरणों में माल्यार्पण किया गया। ऋषिकेश से आए प्रवचनकर्ता स्वामी विजयानंद गरी महाराज ने कहा कि 84 लाख योनियों में भटकने के बाद ईश्वर को प्राप्त करने, कल्याण करने, मोक्ष प्राप्त आदि के लिए मानव शरीर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि अपने घर में पहुंचने के बाद इंसान को असीम शांति का अहसास होता है, जो सांसरिक है तो अनुभव कीजिए जब मोक्ष के बाद अपने वास्तविक घर पर में पहुंचेगा तो उसे कितनी शांति की अनुभूति होगी।
संसार में मानव अभिनय करने के लिए आया है। माता, पिता, भाई, बहन, मित्र आदि रिश्ते केवल अभिनय मात्र है। वास्तव में मानव ईश्वर की संतान है, यहीं परम सच्चाई है। लेकिन संसार जगत में मिले अपने पात्र का अभिनय पूरे मन से निभाना चाहिए। पद, रंग, रूप आदि का अभिमान छोड़ देना चाहिए। अगर, अभिमान करना है तो इस बात का करें कि वह ईश्वर की संतान है। मैं ईश्वर का जू और ईश्वर मेरे है, मैं उनका सेवक हूं जैसी बातों को केवल धारण करने से ही मानव तृप्त हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि गो माता जिसे हम पवित्रतम मानते हैं उन्हें भी यह सौभाग्य प्राप्त नहीं है। सत्संग का समापन श्रीकृष्ण की आरती के बाद प्रसाद वितरण से हुआ। गोवर्धन फांउडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजमोहन उपाध्याय ने बताया कि सत्संग में व्यासपीठ एवं आरती में दान से प्राप्त रुपयों आदि चढ़ाना बिल्कुल मना है। उन्होंने बताया कि सत्संग के इसी पंडाल में दो से आठ दिसंबर तक सुबह सात से आठ बजे तक योग शिविर भी आयोजित किया जाएगा। इसमें भिलाई के योग प्रशिक्षक अरुण पंडा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।






































