JASHPUR. जशपुर में जिले में 40 हाथियों का दल विभिन्न इलाकों में करीब एक महीने से ज्यादा घूम रहा है। यह दल पिछले 7 नवंबर को सरगुजा से लुंड्रा जंगल से यहां आया है। इस बीच, जशपुर वन मंडल से फिर एक हाथी की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार बगीचा वन परिक्षेत्र के कुरडेग में किसानों ने फसल बचाने के लिए बिजली का तार बिछाया था। इसी की करंट की चपेट आने से मंगलवार की देर रात एक नर हाथी की मौत हो गई है। हाथी के मुंह से खून निकलने की भी जानकारी मिली है। आज वन विभाग की भी पहुंची। टीम मौत की वजह जानने में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार खेत में विचरण कर रहा हाथी करेंट की चपेट में आ गया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई है। खेत में खेती कर रहे किसानों ने जंगली पशुओं से फसल को बचाने के लिए तार बिछाया था। बता दें कि जशपुर वन मंडल में महीने भर में हाथी की मौत की यह तीसरी घटना है। बगीचा वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक सिंह के अनुसार 20-25 हाथियों का दल बगीचा क्षेत्र के पाठ इलाके में विचरण करते देखा गया था। अनुमान है कि मृत हाथी उसी दल का है। घटना की सूचना मिलने के बाद वन अमला मौके पर पहुंच गया है। विभाग के बड़े अधिकारी भी थोड़ी देर में मौके पर पहुंचने वाले हैं।
जशपुर में हाथियों ने सैकड़ों घर तोड़े
गौरतलब है कि पिछले एक महीने में 40 हाथियों के दल ने फसल क्षति व मकान टूटने के सैकड़ों प्रकरण दर्ज किए हैं। जिले के चार वन परिक्षेत्रों में करीब 10 लाख से अधिक का मुआवजा प्रकरण तैयार हुआ है। क्षति का आंकलन अभी भी लगातार चल रहा है। 7 नवंबर को इस दल ने बगीचा वन परिक्षेत्र के छिछली में प्रवेश किया था। इसके बाद यह दल ग्राम बंबा से झिक्की के जंगल में होते हुए कांसाबेल वन परिक्षेत्र की ओर निकला। कांसाबेल से दल के हाथियों ने मूव किया तो कुनकुरी वन परिक्षेत्र में निकला।