RAIPUR. छत्तीसगढ़ में बीते कई दिनों से आरक्षण को लेकर विवाद चल रहा है। वहीं इसमें अब नई जानकारी मिल रही है कि प्रदेश की राज्यपाल दिल्ली दौरे पर है। दिल्ली में राज्यपाल इस मसले पर राष्ट्रपति से भेंट करने वाली है। साथ ही प्रधानमंत्री से भी राज्यपाल मुलाकात कर सकतीं है।
प्रदेश में चल रहा आरक्षण का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं अब यह मसला दिल्ली तक पहुंच गया है। प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके दिल्ली प्रवास पर है और वे यहां 20 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से भेंट कर इस मसले पर चर्चा करेंगी। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल अनुसुइया उइके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकती है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से राज्यभवन में अटका है। इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरक्षण को लेकर तीखा बयानबाजी भी चल रही है। इन सबके बीच छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके दिल्ली पहुंच गईं हैं। अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास में राज्यपाल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्यपाल छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को लेकर राष्ट्रपति से चर्चा सकती हैं। इसके अलावा वह आदिवासियों के मुद्दे पर चर्चा करेंगी। 21 दिसंबर को राज्यपाल छत्तीसगढ़ लौटेंगीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल सकती हैं।
गौरतलब है कि 19 सितंबर को हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2012 से चल रहे 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए इसे निरस्त कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कुल 76 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान करके विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है। इस विधेयक में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 13 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 32, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27 फीसदी और EWS के लिए चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है।
16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस विधेयक को लेकर राज्यपाल ने 10 बिंदुओं पर आपत्ति करके राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। दूसरी ओर 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई होगी।
‘राज्यपाल हस्ताक्षर कर दें या विधेयक वापस कर दें’
इस मसले पर मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल ने कल भिलाई में बड़ा बयान दिया था। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्यपाल अनुसुइया उइके राजभवन के अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहीं हैं। हमने उनसे कहा कि वो चाहें तो हस्ताक्षर कर दें या फिर उसे लौटा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिसंबर को हमने आरक्षण का विधेयक पारित करके राजभवन भेज दिया है। राज्यपाल ने पहले कहा कि हम तुरंत उसमें हस्ताक्षर करेंगे, लेकिन अब वे उसमें हस्ताक्षर नहीं कर रही है। वो इस पर विभाग के अधिकारियों की राय लें रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या अधिकारी विधानसभा से ऊपर हो गए हैं।
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