RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले आरक्षण कम किए जाने के मसले पर विपक्ष और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था। फिर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसमें संशोधन कर प्रदेश में आरक्षण को बढ़ा दिया गया। बढ़े हुए आरक्षण का बिल राज्यपाल के पास अटका हुआ है। इसके बाद कांग्रेस द्वारा राजभवन पर सवाल उठाया जा रहा है। कुलमिलाकर प्रदेश में आरक्षण का विवाद थम ही नहीं रहा है। रोज नया विवाद खड़ा हो जा रहा है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में आरक्षण का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आरक्षण पर बढ़ते विवाद के बाद अब छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर तीन जनवरी को महारैली करने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि बीते दो दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन विधेयक पारित हो चुका है। वहीं अब आरक्षण पर विधानससभा से पारित संशोधन विधेयक राज्यपाल अनुसुइया उइके के हस्ताक्षर होने का इंतजार है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस द्वारा तीन जनवरी को महारैली के माध्यम से कांग्रेस और राजभव के बीच और विवाद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के एक पक्ष ने 27 दिसंबर को राजभवन घेराव का ऐलान किया है। राजभवन घेराव के बाद आरक्षण के इस मुद्दे पर और विवाद बढ़ सकता है।
वहीं आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी की प्रभारी कुमारी शैलजा रायपुर पहुंचीं। आपको बता दें कि बीते दिनों ही उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का प्रभारी बनाया गया है। प्रभारी बनने के बाद यह उनका पहला छत्तीसगढ़ दौरा है। प्रदेश की नव नियुक्त कांग्रेस प्रभारी रायपुर स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पदाधिकारियों की बैठक भी ली।