RAIGARH. अब तक आपने झारखंड के जामताड़ा के बारे में ही सुना होगा, जहां बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन ठगी को धंधा बनाकर बैठे हैं। लेकिन रायगढ़ पुलिस ने कोलकाता में नया जामताड़ा खोजा है। छत्तीसगढ़ की रायगढ़ पुलिस ने कोलकाता के इस जामताड़ा से 14 लड़कियों और आठ लड़कों समेत कुल 22 को गिरफ्तार किया है जो इसी तरह की ठगी करने के लिए बाकायदा कॉल सेंटर चला रहे थे।
ठगी का ये कारोबार भले ही कोलकाता से संचालित होता था पर देशभर के लोगों को इसके जरिए फंसाया जा रहा था, जिसका भांडाफोड़ रायगढ़ पुलिस ने की है। दरअसल, जिले के पुसौर थाने में महलोई निवासी आदित्य मिश्रा ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि बीते अगस्त माह में उसे तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों से अज्ञात लोगों ने कॉल किया था। इसमें उन्होंने गांव में एयरटेल कंपनी का टावर लगाने के लिए और घर व प्लाट के एवज में प्रतिमाह 15 हजार रुपये किराया व बोनस के तौर पर 15 लाख रुपये एक साथ देने का लालच दिया। आदित्य जब उनके झांसे में आ गया तो फिर इन ठगों ने डाक्यूमेंट्स तैयार करने, इंश्योरेंस, एनओसी व मटेरियल नाम पर रुपये जमा करने की बात कही। उसने भी उनके बताए अनुसार खातों में अलग— अलग कुल एक लाख 82 हजार 460 रुपये जमा करा दिए। बाद में उसे धोखाधड़ी का पता चला।
पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। साइबर सेल की मदद से रायगढ़ पुलिस ने मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच कराई तो कोलकाता कनेक्शन का भी पता चल गया। फिर एक टीम को पश्चिम बंगाल रवाना किया गया। फिर स्थानीय कोलकाता जोरासांकी पुलिस की मदद से जोरासांकी मेट्रो के गेट पर छापा मारकर आरोपी 19 वर्षीय शमसूद हुसैन को हिरासत में लिया। शमसूद ने बताया कि उसने अपने दो कमरों को उनके दो परिचितों को दिया है। इस तरह पुलिस कॉल सेंटर तक पहुंच गई और दोनों संचालकों को पहले पकड़ा और फिर कड़ी जोड़ते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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कॉल सेंटर में सभी का बंटा था काम
रायगढ़ पुलिस ने जब कॉल सेंटर में जांच की तो पता चला कि इसका संचालन ही छल और ठगी का गिरोह चलाने के लिए जा रहा है। ये लोग पूरे देश में लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फोन करते थे फिर आदित्य की तरह उन्हें भी ठग लेते थे। इसके लिए बाकायदा सभी का अलग-अलग काम बंटा हुआ था। ऑफिस में मैनेजर-गोपाल कंडार व दीपिका मंडल और उनके टीम लीडर बीना साव उर्फ डॉली, मधु यादव, जूली सिंह, स्नेहा पाल व पूजा राय थे। साथ ही दृराम कुमार साव, पूजा सिंह, विशाल सेठ, पिंकी राजभर, पूजा पासवान, पूजा शर्मा, रिंकी साव, इंद्रोजीत दास, पूजा दास, अंकु गुप्ता, अनिल शाह, कामिनी पोद्दार, प्रियंका चौधरी और रोहित साव भी ठगी के काम में लगे हुए थे। इन्होंने आपस में बातचीत के लिए दो अलग—अलग वाट्सएप ग्रुप भी बनाया हुआ था।
कॉल रिकार्ड में देशभर के पीड़ितों की आवाज
पुलिस ने उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में सिम कार्ड व अन्य सामान जब्त किए गए हैं। उनसे जब्त किए गए मोबाइल में लगे सिम का कॉल रिकॉर्ड भी निकाला गया। इससे छत्तीसगढ़ के दुर्ग, कोरबा, खैरागढ़, कबीरधाम, धमतरी समेत मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत कई पीड़ितों से पुलिस की बात हुई। उनकी आवाज में ठगी के शिकार होने और लाखों रुपये लुटाने का दर्द छिपा हुआ था। कुल जमा एक करोड़ से अधिक की ठगी का पता चला।
फ्रीज कराए गए खाते
रायगढ़ पुलिस की जांच में ये भी जानकारी सामने आई कि आरोपियों ने कोलकाता समेत मुंबई, त्रिपुरा आदि जगहों पर कई खाते खुलवा रखे हैं जिनमें ठगी की रकम जमा कराए जाते थे। पुलिस ने ऐसे ही नौ बैंक खातों को फ्रीज कराया। अब पुलिस फरार कॉल सेंटर के संचालक की खोज में जुटी हुई है।





































