RAIGARH. प्रदेश में हाथियों और मानव के बीच द्वंद्व समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार रायगढ़ में हथिनी की मौत का मामला सामने आया है। वन अफसरों ने करंट लगने से उसकी मौत होने की बात कही है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि करंट अन्य जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाया गया था या फिर हाथियों को ही मारने के लिए। अपराधियों की भी फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है, जिसके लिए कवायद की जा रही है।
हथिनी के शव को पुराना बताया जा रहा है। यानी तीन से चार दिन पहले ही उसकी मौत हुई होगी। घटना रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र स्थित जंगल की है। स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से इसकी जानकारी वन अफसरों को हुई तो सोमवार को वन अमले के साथ धरमजयगढ़ डीएफओ, एसडीओ घरघोड़ा रेंज, तमनार के पशु चिकित्सकों की टीम, जनपद उपाध्यक्ष, स्थानीय गांव के उपसरपंच और वन प्रबंधन समिति के सदस्य मौके पर पहुंचे।
वन अमले के जायजा लेने पर पता चला कि हथिनी की मौत करंट लगने से हुई है, क्योंकि मौके से शिकार के लिए बिछाए गए तार और दूसरे सामान बरामद किए गए। इसके बाद जांच शुरू की गई। आरोपियों की धरपकड़ से पहले उनकी पहचान करना भी वन अफसरों के लिए चुनौती है। ऐसे में अब बिलासपुर से डाग स्क्वाड बुलाने के लिए उनसे संपर्क किया गया है। साथ ही आसपास के गांवों के लोगों से पूछताछ की जा रही है।
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