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BALRAMPUR. छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई अब भी जारी है। इस बार टीम ने बलरामपुर में पदस्थ सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक को सोमवार की रात हिरासत में लिया है और उन्हें रायपुर ले जाया गया है। ये जांच मनी लॉन्ड्रिंग व कोयले का डीओ जारी करने पर अवैध वसूली के मामले में की जा रही है।

खास ये कि कुछ माह पहले ही वे स्थानांतरित होकर यहां आए हैं। इससे पहले वे रायगढ़ में पदस्थ थे, जहां पहले ही रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के खिलाफ इस मामले में जांच चल रही है। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ने की बात कही जा रही है, क्योंकि अवधेश बारीक से मिले दस्तावेजों से भी अहम सुराग मिल सकते हैं।

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जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसके अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तीन सदस्यीय टीम सबसे पहले सोमवार को सुबह करीब 11.30 बजे कलेक्टोरेट पहुंची। फिर कंपोजिट बिल्डिंग में मौजूद खनिज शाखा पहुंची। वहां सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक से बंद कमरे में पूछताछ शुरू की गई।

ये पूछताछ रात करीब 11 बजे तक चलती रही। तब किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। पूछताछ के साथ ही दस्तावेजों की भी जांच की जाती रही। फिर रात साढ़े 11 बजे टीम के अफसर सहायक खनिज अधिकारी को आगे की जांच के लिए रायपुर लेकर रवाना हो गई।

एक साथ थी दोनों अफसरों की पदस्थापना
जिस तरीके से लंबी पूछताछ करने के बाद भी उन्हें रायपुर ले जाया गया है इसके खास मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अहम सबूत मिलने के बाद ही आगे की जांच के लिए उन्हें ले जाया गया है। इससे पहले रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के कार्यालय व निवास पर भी ईडी की टीम ने छापेमारी की थी। साथ ही वहां खनिज शाखा से दस्तावेज जब्त किए गए थे। दूसरी महत्वपूर्ण बात ये भी है कि जिस दौर में रायगढ़ में अवैध वसूली की बात सामने आई थी तब दोनों ही अफसरों की पदस्थापना रायगढ़ में ही थी। इससे आशंका और ज्यादा बढ़ गई है।






































