JANJGIR. जिले में यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा सड़कों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान स्कूटर व बाइक चलाते हुए 25 से 30 नाबालिगों को पुलिस ने पकड़ तो लिया लेकिन उनसे एक बड़ी गलती भी हो गई। कानून के अनुसार अगर कोई नाबालिगों वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लेकिन में पुलिस ने इन नाबालिगों का पहले चालान काटा और फिर कइयों को थाने ले आई। इतना ही नहीं पुलिस ने बाकायदा उनकी तस्वीर भी सोशल मीडिया में वायरल कर दी। इसके बाद नाबालिगों के अभिभावक ने जमकर हंगामा किया। सभी अभिभावक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।


दरअसल, शहर के पांच स्थानों पर पाइंट बनाकर यातायात शाखा की ओर से कार्रवाई की जा रही थी। इसी के तहत उन्होंने नाबालिग वाहन चालकों को पकड़ा था। यह कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस, नगर सैनिक और कुछ गैर सफेद वर्दीधारी कर्मचारी संयुक्त रूप से कर रहे थे।। इस दौरान पुलिस ने 25 से 30 नाबालिगों को वाहन चलाते हुए पकड़ा था। इसके बाद उनके खिलाफ एमवी एक्ट के तहत चलानी कारवाई करते हुए 50 हजार रुपये तक वसूल किए गए।
इस मामले में अभिभावकों का आरोप है कि पुलिस ने पहले तो नाबालिगों के वाहनों की चाबी छीनी और फिर उनको बाइक में बिठाकर थाने ले गई। कानूनन इस तरह की कार्रवाई नाबालिगों के खिलाफ नहीं की जा सकती। पुलिस वालों ने उनके वाहनों को थाने में जमा करा लिया जिससे कई बच्चों को पैदल घर जाना पड़ा। इतना ही नहीं नाबालिगों से ही दो हजार रुपये के चालान काट लिया गया।
कानून कार्रवाई करती पुलिस तो अभिभावक होते दोषी
बता दें, कानूनन किसी भी आपराधिक या अन्य मामलों में नाबालिगों की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। लेकिन, जांजगीर में बच्चों का नाम व फोटो के साथ कार्रवाई का पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया। अभिभावक इसी बात को लेकर हंगामा कर रहे थे,और पुलिसकर्मियों की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की बात कह रहे हैं। लेकिन पुलिस अगर कानून के अनुसार इस मामले में कार्रवाई करती तो शिकायत कर रहे अभिभावक ही आरोपी होते और कार्रवाई भी उन्हीं के खिलाफ की जाती।
https://chat.whatsapp.com/FDGaUWPCPEP8Cio0bzx8L8