REWA. विंध्य से बड़ी खबर सामने आई है। यहां के सबसे पुराने टीआरएस स्वशासी महाविद्यालय के तीनों पूर्व प्राचार्यो को मेडिकल के बाद केन्द्रीय जेल भेज दिया गया। तीनों तत्कालीन प्राचार्यो ने अपने कार्यकाल के दौरान अनियमितता की थी। साल 2020 में साढ़े चार करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया था। दो वर्ष की जांच में ईओडब्ल्यू ने तीन पूर्व प्राचार्यो सहित 19 लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रकरण कायम किया था। शुक्रवार को पूर्व प्राचार्यो का चालान पीसी एक्ट न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पूर्व प्राचार्यो द्वारा लगाया जमानत आवेदन को न्यायालय ने खारिज कर दिया।
पूर्व प्राचार्यो सहित 19 लोगों को मानदेय भत्ता, पारिश्रमिक प्रश्न पत्र बनाने, उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन आदि खर्चो में घोटाला करने का आरोप लगाया गया था। ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान कालेज में छापा मारा था। इस छापेमारी में आर्थिक घोटाले से जुड़े दस्तावेज जप्त किये गए थे।
आर्थिक अनियमितता और अधिनियम की धारा 13 (1) बी एवं 13 (2) के साथ आईपीसी की धारा 409, 420 एवं 120 बी के तहत तत्कालीन प्राचार्य डा0 रामलला शुक्ला, डा0 एस.यू खान एवं डा0 सतेन्द्र शर्मा सहित 19 लोगो पर एफआईआर नवम्बर 2020 में दर्ज की गई थी। बता दें कि डा0 एसयू खान एवं डा0 सतेन्द्र शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके है। डा0 रामलला शुक्ला अभी सेवानिवृत्त नही हुए है।
ठाकुर रणमत सिंह स्वशासी महाविद्यालय में आर्थिक अनियमितता की जानकारी सामने आने के बाद तत्कालीन कलेक्टर डा0 इलैया राजा टी ने जांच के आदेश देते हुए टीम गठित की थी। जांच में व्यापक अनियमितता की बात सामने आई थी। नियम विरूद्ध जाकर मानदेय, यात्रा भत्ता, पारिश्रमिक आदि में भुगतान किए गए थे।
जांच में पूर्व प्राचार्य को दोषी पाया गया था। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर कालेज में छापा मार कर अहम दस्तावेज जप्त किये थे। दो वर्ष तक जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी।