BILASPUR. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर चकरभाटा एयरपोर्ट में अब एक और बड़ा शहर सीधे जुड़ गया है। सोमवार को चकरभाटा एयरपोर्ट से बिलासपुर-इंदौर के लिए सीधी विमान सेवा शुरू कर दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विमान सेवा का शुभारंभ सीएम हाउस से वर्चुअली किया हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए। बिलासपुर सांसद अरुण साव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहे।
बिलासपुर के चकरभाटा एयरपोर्ट से 1 मार्च 2021 को नियमित विमान सेवा की शुरुआत की गई। बता दें छत्तीसगढ़ सरकार ने 41 करोड़ रुपए की लागत से बिलासपुर एयरपोर्ट का विकास 3 CVFR श्रेणी किया है। साथ ही सरकार ने डीजीसीए से लाइसेंस लिया है।
दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर के लिए 72 सीटर नियमित घरेलू विमान सेवा के साथ बिलासपुर-भोपाल के लिए भी नियमित विमान सेवा शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही सोमवार से इंदौर के लिए भी विमान सेवा की शुरुआत हो चुकी है। यह विमान सेवा की शुरुआत अलायंस एयरलाइंस द्वारा द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधियां ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ इस वक़्त भले ही अलग-अलग दो राज्य हैं पर कभी यह एक हुआ करते थे। मध्यप्रदेश के शहरों को सीधा छत्तीसगढ़ के शहरों ने जोड़ने का प्रयास है यह विमान सेवा। बिलासपूयर एयरपोर्ट राज्य शासन के अधीन है और हम इस एयरपोर्ट को सारी सुविधाएं देने की पूरी कोशिश करेंगे। इंदौर-बिलासपुर विमान सेवा शुरू होने से इंदौर 20 नए शहरों से जुड़ चूका हैं। बीते 8 वर्षों में 67 नए एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं। केंद्र सरकार लगातार बढ़िया एयर कनेक्टिविटी के लिए लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी बधाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर-इंदौर विमान सेवा का शुभारंभ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर व छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से विमान सेवा शुरू होने पर सभी को बधाई, साथ ही बिलासपुर एयरपोर्ट से मुंबई, कोलकाता, चेन्नई व बेंगलुरू के लिए सीधी विमान सेवा शुरू करने की पहल की जाएगी। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने चकरभाटा एयरपोर्ट से लगी 1000 एकड़ जमीन को आर्मी को दिया है, जहां वर्तमान में कोई विकास नहीं किया जा रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री बघेल केन्द्र सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि उक्त जमीन को फ्री किया जाए जिससे कि एयरपोर्ट के विकास के लिए और अधिक जमीन उपलब्ध हो सके।