RAIPUR. सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हिन्दू बहुसंख्यक हों या अल्पसंख्यक, हिन्दुओं का पक्ष सत्य है। इसलिए यदि हिन्दू न्यायालय में कानूनी संघर्ष करें, तो निश्चित ही अंतिम विजय हिन्दुओं की ही होगी। विष्णु शंकर जैन हिंदू धर्म स्थलों को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने वाले देश के जाने-माने वकील हैं। अभी वे काशी के ज्ञान वापी मंदिर का मामला लड़ रहे हैं।
विष्णु शंकर जैन रायपुर में अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना मिशन सनातन और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित परिचर्चा में शामिल होने आए थे। इस परिचर्चा का विषय ‘हिन्दू सुरक्षित, राष्ट्र सुरक्षित’ था।
जैन ने कहा कि रायपुर छत्तीसगढ में प्रभु श्रीरामचंद्र और सर्व देवी-देवताओं का आशीर्वाद हमारे साथ होने के कारण हिन्दुओं को भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है।प्रत्येक बार संघर्ष करने के लिए शस्त्र हाथ में लेना आवश्यक नहीं है। कानूनी संघर्ष करने पर भी हम हिन्दुओं पर होने वाला अन्याय दूर कर सकते हैं।
‘अयोध्या तो एक झांकी है, हिन्दुओं के चार लाख मंदिर बाकी हैं’
सुदर्शन चैनल के प्रमुख संपादक सुरेश चव्हाण ने कहा कि हमें ‘हिन्दू और हिन्दुत्व को समझ लेना आवश्यक है। हिन्दुओं के संगठित होने और हिन्दू राष्ट्र स्थापित होने पर ही वास्तविक रूप से हिन्दू सुरक्षित होंगे। आज हिन्दू महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। हिन्दू लडकियां सुरक्षित नहीं हैं। हिन्दू परंपराएं सुरक्षित नहीं हैं। हिन्दू धर्म सुरक्षित नहीं है। इसके लिए हमें हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना होगा। हिन्दुओं पर होने वाले अन्याय के विरुद्ध सुदर्शन चैनल आवाज उठा रहा है।
छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन और गो तस्वीर की समस्या
सुरेश चव्हाण ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन और गो-तस्करी की समस्याएं गंभीर हैं। इसे रोकना है, तो राजनीतिक दल के रूप में विचार न करते हुए हम सबको संगठित होना चाहिए। व्यक्ति किसी भी दल का हो, परंतु उसे धर्म, राष्ट्र एवं हिन्दुत्व के लिए कार्यरत रहना चाहिए । अयोध्या की श्रीरामजन्मभूमि हमें मिल गई है, लेकिन ‘अयोध्या तो एक झांकी है, हिन्दुओं के चार लाख मंदिर बाकी हैं !’
इस तरह के आयोजन प्रशंसनीय
शदानी दरबार के नवम पीठाधिश युधिष्ठिरलालजी महाराज ने कहा कि हिन्दू संगठनों का यह कार्यक्रम प्रशंसनीय है। हिन्दू ऐसे ही संगठित होते रहे तो हिन्दू राष्ट्र बनना दूर नहीं है। संत समाज और शदानी दरबार इस कार्य में सदैव साथ रहेंगे।
इन संगठनों ने की भागीदारी
इस परिचर्चा का उद्देश्य बताते हुए मदन मोहन उपाध्याय और हिन्दू जनजागृति समिति की अनुभूति टवलारे ने कार्यक्रम का संचालन किया। अरायाना चिमनानी और वैष्णवी उपाध्याय ने गीत और कविता के माध्यम से हिन्दू धर्मरक्षणार्थ कार्यरत होने के लिए हिन्दू समाज को आह्वान किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय हिन्दू स्वाभिमान सेना, मिशन सनातन, हिन्दू जनजागृति समिति, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, शदानी दरबार, सनातन संस्था आदि संगठनों के 800 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।