कोरबा। जिले में इंसानियत शर्मसार करने का मामला सामने आया है। धनरास गांव में बेहोश युवती को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस भी नहीं मिल पाया। इसकी वजह से परिजन बेहोश युवती को स्ट्रेचर में ढोकर दो किलोमीटर पैदल चले और जटगा अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में फिलहाल युवती का इलाज चल रहा है।
दरअसल, संजीवनी 108 सेवा के लिए ग्रााम धनरास के बंधु सिंह के घर से फोन आया। बताया गया कि उसकी बेटी भागमती (18) अचानक बेहोश हो गई। लोकेशन के आधार पर संजीवनी 108 के वाहन चालक श्रीपाल साहू पैरामेडिकल स्वास्थ्य कर्मी फूलबाई के साथ रवाना हुए, लेकिन धनरास गांव के बाहर ही वाहन रूक गई। दरअसल बस्ती तक पहुंचने के सड़क कीचड़ से लथपथ था।
इस वजह से मरीज भागमती के घर तक पहुंचना असंभव था। उधर मरीज के दशा बिगड़ रही थी। आनन- फानन में वाहन चालक ने मरीज को स्ट्रेचर में ढोकर एंबुलेंस तक लाने की स्वजनों को बताई। इस तरह कीचड़ से लथपथ सड़क में दो किलोमीटर पैदल चलकर मरीज को एंबुलेंस तक लाया गया। बेहोश युवती जटगा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
सरकार के दावे फेल
जिला प्रशासन की ओर से भले ही गांवों में मुख्य मार्ग से जोड़ने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन पहुंच विहीन गांव के रहवासी हलकान हो रहे हैं। इसके पहले भी पसान के निकट ग्राम तुलबुल निवासी गर्भवती महिला खाट में ढोकर नाला पर कराने के बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया था। बहरहाल संजीवनी 108 के वाहन चालक और पैरामेडिकल की सूझबूझ से गंभीर मरीज को अस्पताल तक पहुंचानें में सहूलियत हुई।
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