JASHPUR. पत्थलगांव-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग की घटिया सड़क से बचने के चक्कर में बस ड्राइवर ने गांव का रास्ता पकड़ लिया। लेकिन उसकी यह लापरवाही यात्रियों पर भारी पड़ गई और संकरे रास्ते में बाइक चालकों को बचाते बस एक खेत में जाकर पलट गई। इस हादसे में दोनों बाइक सवार और एक यात्री समेत तीन की मौत हो गई हैा जबकि छह से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं। घटना बुधवार की शाम करीब पांच बजे पत्थलगांव के पास ग्राम गोढ़ीकला की है।

जानकारी के अनुसार बस पत्थलगांव से निकलकर अंबिकापुर जा रही थी। यह मार्ग पत्थलगांव-गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है। इसकी हालत लंबे समय से बेहद खराब है। ऐसे में बस चालक आमतौर पर इससे बचने के लिए गांवों के रास्ते शॉर्टकट अपनाते हैं। इस बस के चालक ने भी वही किया। वह बस को पत्थलगांव से लेकर निकला और मुख्यमार्ग पर जाने के बजाय बस को गांव के रास्ते में घुसा दिया।
शाम पांच बजे के करीब बस ग्राम गोढ़ीकला के पास पहुंची थी। संकरी सड़क होने के चलते यहां साइड को लेकर खासी दिक्कत होती है। ऐसे में सामने दो बाइक सवार आ गए। बस चालक ने उन्हें बचाने की कोशिश करते हुए कट मारी। लेकिन, बस बाइक को चपेट में ले चुकी थी। इस बीच चालक भी बस से नियंत्रण खो बैठा था। इससे बस सड़क से उतरकर खेत में जा घुसी और पलट गई। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई। इस हादसे में दोनों बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
बता दें बता दें हादसे के तुरंत बाद आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंच गए और आनन-फानन में पलटी बस से यात्रियों को बाहर निकाला। बस सवार छह से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल थे। तत्काल उन्हें अस्पताल भेजा गया और पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई। बाद में बस सवार एक यात्री ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि बस चालक यदि शॉर्टकट के चक्कर में नहीं पड़ता तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता। पुलिस मामले में अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।

सड़क की दुर्दशा, पर सुध लेने वाला कोई्र नहीं
पत्थलगांव के लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग बस नाम का ही रह गया है। खराब सड़क के चलते कोई भी इसमें से जाना पसंद नहीं करता। बस वाले भी गांवों के रास्ते ही बाइपास करते हैं। इस मामले में भी बस चालक ने वैसा ही किया। यह और है कि इस बार यह जानलेवा साबित हुआ। गांव के संकरे रास्ते के चलते हादसा हो गया। वहीं राजमार्ग को बनवाने के लिए पत्राचार किया जा रहा है पर इस ओर न कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहा है और न राजमार्ग के इंजीनियर।


































