JASHPUR. जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के बाबुसाज बहार गांव में सोमवार की सुबह दिल दहलाने वाली घटना हुई है। सुबह पांच बजे महिला ने जैसे ही घर का दरवाजा खोला और बाहर कदम रखी, दंतैल के रूप में मौत सामने खड़ी थी। हाथी ने सीधे महिला को सूंड में लपेटा और जमीन पर पटककर पैरों से कुचलकर मार डाला।
हालांकि महिला ने इस बीच भागने का प्रयास भी किया, लेकिन पीछे से हाथी ने धक्का दिया और फिर पैरों से कुचलकर उसकी जान ले ली।
सरगुजा संभाग में हाथियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बार जशपुर जिले में घटना हो गई है। तपकरा क्षेत्र के बाजुसाज बहार गांव की 60 वर्षीय महिला प्यारीबाई सुबह पांच बजे शौच जाने के लिए घर से निकल रही थी। जैसे ही उसने बाहर कदम रखा सामने ही हाथी खड़ा दिख गया।
महिला के पास इतना समय ही नहीं था कि वह वापस घर के अंदर चली जाए या बाहर भाग सके। तत्काल हाथी ने उसे सूंड में लपेट लिया और फिर जमीन पर पटक दिया। पटखनी खाने के बाद महिला ने जैसे-तैसे भागने का प्रयास किया, लेकिन हाथी ने एक बार फिर उसे सूंड से धक्का देकर गिरा दिया। इस बार महिला को संभलने का मौका ही नहीं मिला और हाथी ने उसे पैरों तले रौंदना शुरू कर दिया।
हालांकि हाथी के चिंघाड़ने की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने दूर से ही इस घटनाक्रम को देखा पर हाथी के डर से पास आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इस बीच संगठित होकर खदेड़ने के लिए प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और महिला ने दम तोड़ दिया था।
सबसे संवेदनशील क्षेत्र है तपकरा
प्रदेश में हाथियों के हमले के मामले में जहां जशपुर जिला तो वहीं स्थानीय स्तर पर तपकरा वन परिक्षेत्र सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र है। भौगोलिक परिस्थिति भी इसे खतरनाक बनाती है। दरअसल इसका पूरा इलाका ओडिशा और झारखंड के वन क्षेत्र से लगा हुआ है। तपकरा समेत दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाके में सालभर हाथियों की मौजूदगी रहती है। ऐसे में वे कभी भी किसी भी आबादी वाले क्षेत्र में घुस आते हैं और फसल चौपट करने व मकान, संपत्ति आदि को नुकसान पहुंचाने के साथ ही इंसानों पर भी हमला करते हैं। वहीं हाथियों के हमले रोकने के लिए करोड़ों खर्च कर कई योजनाएं शुरू की गईं और कई अभियान चलाया गया पर इनसे मुक्ति क्षेत्रवासियों को नहीं मिल पाई।