तीरंदाज, नारायणपुर। लाल आतंक व पिछड़ेपन को पीछे छोड़ नारायपुर जिले के अबूझमाड़ के दो खिलाड़यों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा साबित की है। अबूझमाड़ देशभर में आदिवासी सभ्यता के लिए प्रसिद्ध है यहां पर शहरी विकास दूर दूर तक नहीं दिखता। सुविधाओं के नाम भी यहां कुछ नहीं है इसके बाद भी यहां के युवाओं असाधारण प्रतिभा है।
हम बात कर रहें दो युवा मलखंब खिलाड़ी राकेश वारदा व राजेश के बारे में। इन दोनों खिलाड़ियों ने देशभर के चयनित 1000 मलखंब खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ट पांच खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई है। यह न केवल अबूझमाड़ व नारायणपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर एक जिले के लिए गर्व का क्षण है। राकेश वरदा और राजेश को अबूझमाड़ मल्लखंभ अकादमी नारायणपुर छत्तीसगढ़ से चयनित किया गया है।
मजदूर पिता की संतान फिर भी प्रतिभा के धनी
राकेश वारदा व राजेश के पिता मजदूर हैं। मजदूर पिता की इन संतानों ने नारायणपुर के धुर नक्सली क्षेत्र अबूझमाड़ से निकलकर ऐसी छाप छोड़ी है जो यहां के युवाओं के लिए प्रेरणा है। दोनों मलखंभ खिलाड़ियों के को यहां तक पहुचांने में उनके कोच व छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 16 वीं बटालियन में कांस्टेबल मनोज प्रसाद की भूमिका बेहद अहम हैं। बलिया युपी निवासी मनोज प्रसाद ही हैं जिन्होंने सबसे पहले इनकी प्रतिभा पहचानी।
राकेश वारदा व राजेश अबूझमाड़ मल्लखंभ अकादमी नारायणपुर में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 16 वीं बटालियन में कांस्टेबल मनोज प्रसाद की कोचिंग में मल्लखंभ की प्रैक्टीश शुरू की थी। मनोज प्रसाद ने इन बच्चों को मलखंभ सिखाने के लिए विशेष तौर पर अपनी पोस्टिंग स्पेशल टास्क फोर्स से सीएएफ में करवाई। मलखंभ के एक अच्छे कोच माने जाते हैं। इनके प्रशिक्षण के बाद अबूझमाड़ मे एक अच्छी मलखंभ टीम तैयार हो गई। अबूझमाड़ मल्लखंभ की टीम ने कुछ दिनों पहले उज्जैन में हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कई पदक अपने नाम किए।
रामकृष्ण मिशन ग्राउंड से शुरू हुआ सफर
मलखंभ प्रशिक्षक मनोज प्रसान अबूझमाड़ में मलखंभ की टीम बनाने का सफर रामकृष्ण मिशन ग्राउंड से शुरू किया था। रामकृष्ण मिशन आश्रम से शुरू हुआ। कुछ ही समय में यहां कस्तूरबा गांधी स्कूल, छोटे डोंगर, देवगांव के पोटा केबिन के बच्चें भी प्रशिक्षण लेने लगे। वे शुरुआत में छोटे डोंगर की16वीं एसटीएफ बटालियन में रहते हुए तीन चार बच्चों के साथ मल्लखंभ किया करते थे।
2017 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने अपनी छोटी सी टीम नारायणपुर के रामकृष्ण मिशन ग्राउंड में पहली बार मल्लखंभ का प्रदर्शन किया था। इनके इसी मेहनत का परिणाम अब सामने आ गया है। अबूझमाड़ के दो बच्चे राकेश व राजेश राष्ट्रीय स्तर पर टॉप पांच खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं।