तीरंदाज, भिलाई। जोड़ों का दर्द आजकल एक आम समस्या बन गया है। यह एक ऐसी बीमारी है जो बढ़ती उम्र के साथ लगभग सभी को निशाना बनाती है। खासकर आजकल की भागदौड़ भरी जीवन शैली में जोड़ों का दर्द कम उम्र में ही दिखाने लगा है।
जो बीमारी पहले 50 के बाद सामने आती थी, वह अब 30 साल के युवाओं में भी दिखने लगी है। तीरंदाज डॉट कॉम पर वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं स्पर्श हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. दीपक वर्मा बता रहे हैं जोड़ों के दर्द की प्रमुख वजहें और बचाव के उपाय।
डॉ. दीपक वर्मा के अनुसार जोड़ों में दर्द आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं। एक तो संधिवात जिसे मेडिकल भाषा में ऑस्टियो आर्थ्राइटिस कहा जाता है। इसका प्रमुख कारण है जोड़ों का घिस जाना। उम्र के अनुसार हमारी हड्डियों के जोड़ घिसने लगते है, जिससे जोड़ों में दर्द की समस्या आने लगती है। आजकल इस समस्या को कम उम्र के लोगों में भी देखा जा रहा है। कुछ सावधानियां बरतने से इस पीड़ा में आराम मिल सकता है।
डॉ. दीपक ने बताया कि जोड़ों में दर्द का दूसरा रूप गठिया वात होता है। यह आमतौर पर छोटे जोड़ों से शुरू होता है। जैसे कोहनी, हाथ व एड़ी के जोड़ आदि। समय पर यदि इस पर ध्यान न दें तो यह गंभीर रूप ले लेता है। इम्यूनिटी सिस्टम प्रभावित होने पर इस प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है। इससे ज्वाइंट्स डैमेज होने लगते हैं जो बाद में जोड़ों के दर्द के रूप में बाहर आते हैं।
अनियमित जीवन शैली के कारण युवा हो रहे पीड़ित
डॉ. दीपक वर्मा के अनुसार अस्वस्थ्य जीवन शैली के कारण कम उम्र के लोग भी इस समस्या की चपेट में आ रहे हैं। पहले जोड़ों की समस्याएं पचास की उम्र के बाद ही देखने को मिलती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्याएं कम उम्र के लोगों को भी अपना निशाना बना रही हैं। खानपान की गड़बड़ियां इसका मुख्य कारण हैं। इसके अलावा मोटापा भी जोड़ों के दर्द का कारण है। असामान्य वजन के कारण भी एड़ी व घुटनों पर भार पड़ता है, जिससे जोड़ों का दर्द शुरू होता है।
ऐसे रखें घुटनों का ध्यान
डॉ. दीपक वर्मा के मुताबिक कुछ सावधानियां बरतकर हम अपने जोड़ों का ध्यान रख सकते हैं। जैसे…
1. महिलाओं व युवतियों को ऊंची हील के जूते या चप्पल नहीं पहनने चाहिए। इससे कमर सीधी नहीं रहती और इनसे एड़ियों, घुटनों, पिंडलियों और कूल्हों पर जोर पड़ता है जिससे जोड़ों के दर्द की समस्या शुरू होती है।
2. व्यक्ति का वजन उसकी उम्र व हाइट के अनुसार निधारित की जाती है। सामान्य से ज्यादा वजन होने पर पैरों और घुटनों के जोड़ों पर प्रभाव पड़ता है। इससे जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं। इसलिए मोटापे पर कंट्रोल बेहद जरूरी है।
3. यदि जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है तो विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लें। ज्यादा पैदल चलने से बचे और जरूरी व्यायाम करें। इसके लिए साइकिलिंग व स्वीमिंग बेस्ट एक्सरसाइज हैं। इसके अलावा योग विशेषज्ञ की सलाह लेकर कुछ आसन भी कर सकते हैं।
4. सुबह दो घंटे की धूप लेने से शरीर को जरूरी विटामिन डी की पूर्ति होती है। इसके साथ अनियमित खान से बचें। सूर्य नमस्कार, हलासन और त्रिकोणासन घुटनों और अन्य जोड़ों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। योग विशेषज्ञ से सलाह लेकर इन्हें किया जा सकता है।